मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत के साथ और सहयोग की बहुत संभावना है: संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा प्रमुख…
संयुक्त राष्ट्र, 22 नवंबर। संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा प्रमुख ज्यां पियरे लैक्रोइ ने दृढ़ विश्वास जताया है कि शांतिरक्षा के मामलों में भारत के साथ और सहयोग की ‘‘बहुत संभावना’’ है।
लैक्रोइ ने रेखांकित किया कि भारत के पास दुनियाभर के मिशन में तैनात ‘ब्लू हेलमेट’ की मदद की बहुत क्षमता एवं प्रौद्योगिकियां हैं।
सियोल में अगले महीने होने वाली संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा की मंत्रिस्तीय बैठक से पहले शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव लैक्रोइ ने कहा कि उनके पास संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा मिशन में सर्वाधिक बल मुहैया कराने वाले देशों में शामिल भारत के लिए दो संदेश हैं।
लैक्रोइ ने कहा, ‘‘पहला आभार व्यक्त करने का संदेश है, क्योंकि भारत राजनीतिक सहयोग, क्षेत्र में संलिप्तता और क्षमताओं के संदर्भ में सहयोग समेत सभी क्षेत्रों में हमारे सबसे बड़े समर्थकों में से एक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा दूसरा संदेश मजबूत अपेक्षाएं हैं। हमें जिस चीज की आवश्यकता है, भारत में वह मुहैया कराने की क्षमताएं हैं।’’
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा प्रमुख ने कहा कि भारत में योग्य शांतिरक्षकों के जरिए ‘‘हमारी मदद करने की क्षमता’’ है और देश में ‘‘सेना एवं पुलिस दोनों तरह के शांतिरक्षकों में महिलाओं की संख्या और बढ़ाने में मदद करने की ‘‘स्पष्ट रूप से’’ क्षमता है।
लैक्रोइ ने कहा कि भारत में कई प्रौद्योगिकियां हैं, जो संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों की वास्तव में मदद कर सकती हैं। शांतिरक्षकों को ‘ब्लू बेरेट्स’ या ‘ब्लू हेल्मेट्स’ के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मेरा मानना है कि इन सभी क्षेत्रों में भारत जो बहुत कुछ कर रहा है, उसके अलावा भी हमारा और सहयोग करने की भारत में बहुत क्षमता है।’’
संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा के कर्मियों में योगदान देने के मामले में भारत शीर्ष तीन देशों में शामिल है। दुनियाभर के 12 संयुक्त राष्ट्र मिशन में उसके 5,481 बल सेवाएं दे रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…