साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को एसटीएफ ने मार गिराया…
डकैत गौरी यादव (फाइल फोटो) 👆
चित्रकूट के जंगल में हुई मुठभेड़ में दोनों ओर से सैकड़ों राउंड चलीं गोलियां…
एके-47 के साथ ही कई और हथियार भी बरामद…
लखनऊ/चित्रकूट। आतंक के पर्याय साढ़े 5 लाख के ईनामी डकैत गौरी यादव को आज तड़के यूपी एसटीएफ ने चित्रकूट के जंगल में काफी देर तक चली मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के नेतृत्व में हुई इस बड़ी मुठभेड़ में सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं। मारे गए डकैत के पास से एके-47 सहित कई हथियार वह बड़ी संख्या में कारतूस बरामद हुए हैं।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस के लिए सिर दर्द बने साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार आधी रात के बाद मुठभेड़ में मार गिराया। सटीक सूचना पर पहुंची यूपी एसटीएफ की टीम से चित्रकूट में बाहिलपुरवा थाना क्षेत्र के माधा के पास जंगल में गिरोह से मुठभेड़ हुई जिसमें कुख्यात गौरी यादव मारा गया। दोनों तरफ से सैकड़ों राउंड गोलियां चलीं, गिरोह के और सदस्य जंगल की तरफ भाग निकले लेकिन गौरी को कई गोलियां लगीं जिसमें वह मारा गया। यूपी एसटीएफ को मौके से एक एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। गौरी यादव पर यूपी से पांच लाख और एमपी से 50 हजार का इनाम घोषित था। गिरोह के भाग निकले सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस अफसरों के साथ कई थानों की पुलिस और एसटीएफ की टीमें जंगल में कांबिंग कर रही हैं।
ददुआ के पिट्ठू के तौर पर जंगल में उतरा था…..
बाहिलपुरवा थाने के माड़वबाग गांव का रहने वाला गौरी यादव कुख्यात डकैत ददुआ के पिट्टू के तौर पर जंगल में उतरा था। ददुआ के मारे जाने के बाद वह डकैत बबुली गिरोह में शामिल हो गया। पुलिस ने बबुली को मारने के लिए इसको उस समय बढ़ावा दिया और इसकी मदद से बबुली को मारा। बबुली के मारे जाने के बाद उसी गिरोह के कुछ सदस्यों के साथ करीब 10 साल पहले गौरी ने अपना गिरोह बना लिया और खुद सरगना बन गया। इसके बाद से वह दोनों प्रदेशों की पुलिस के लिए सिर दर्द बना था। दोनों प्रदेशों की पुलिस गौरी की तलाश में न जाने कितने अभियान चला चुकी थीं लेकिन हर बार वह बच निकलता था। चित्रकूट के एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि शुक्रवार देर रात मिली सूचना के बाद से गिरोह की घेराबंदी की जा रही थी, रात बीतते-बीतते गिरोह को एसटीएफ और पुलिस की टीम ने घेर लिया और मुठभेड़ में गौरी मारा गया।
गौरी ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था…..
ददुआ और ठोकिया के बाद गौरी यादव बीहड़ में बड़ा नाम बन चुका था। गौरी यादव लंबे समय से अंडरग्राउंड था।चार माह पहले इसने चित्रकूट के जंगलों में अंधाधुंध फायरिंग कर हलचल मचा दी थी। 20 साल पहले डकैती की दुनिया में पदार्पण करने वाले गौरी यादव ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था। 2008 में ददुआ और ठोकिया के मारे जाने के बाद 2009 में गौरी यादव गिरफ्तार हो गया था, बाद में वह जमानत पर रिहा हुआ था। गौरी यादव पर दोनों राज्यों में हत्या, अपहरण, फिरौती तथा सरकारी काम में बाधा डालने के लगभग 50 मामले दर्ज हैं।
दरोगा सहित 3 की गोली मारकर हत्या कर दी थी…
गौरी यादव ने मई 2013 में दिल्ली से मामले की जांच करने पहुंचे दारोगा की हत्या कर दी थी। मई 2016 में गोपालगंज में तीन ग्रामीणों को खंभे से बांधकर गोली से भून दिया था। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश के मुताबिक साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव के यूपी में छिपे होने की सूचना मिली थी। गौरी यादव ददुआ, ठोकिया, रागिया, बलखड़िया और बबुली कोल के इनाम वाली श्रेणी में पहुंच गया था। ढाई साल की उम्र में गौरी के पिता की मौत हो गई थी, इसके बाद उसने कक्षा दस की पढ़ाई की थी। 21 साल पहले सन 2000 में वह ददुआ व ठोकिया गैंग में शामिल हो गया था। ददुआ व ठोकिया की मौत के बाद साल 2009 में बांदा पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया। दो साल बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था। (30 अक्तूबर 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,