रैली में सैकड़ों किसान थे तो सिर्फ 23 चश्मदीद क्यों?

रैली में सैकड़ों किसान थे तो सिर्फ 23 चश्मदीद क्यों?

पत्रकार की हत्या के मामले में भी रिपोर्ट मांगी…

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा के गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया। 3 अक्टूबर को किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

यूपी सरकार ने आज जांच को लेकर अपनी दूसरी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की। राज्य सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील हरीश साल्वे ने बेंच को बताया कि 68 गवाहों में से 30 के बयान धारा 164 के तहत दर्ज किए गए हैं और उनमें से 23 चश्मदीद गवाह हैं।

23 चश्मदीदों को लेकर कोर्ट ने सवाल उठाया

बेंच ने पूछा कि सैकड़ों प्रदर्शनकारियों की भीड़ में से केवल 23 चश्मदीदों का ही पता चला। बेंच ने साल्वे से कहा कि अपनी एजेंसी से पूछिए, देखिए 23 से ज्यादा गवाह हैं। चश्मदीद गवाह ज्यादा विश्वसनीय हैं। फर्स्ट-हैंड सबूत होना हमेशा बेहतर होता है।

इस पर साल्वे ने चीफ जस्टिस से पूछा कि क्या वह धारा 164 के तहत दर्ज गवाहों के कुछ बयान सीलबंद लिफाफे में दिखा सकते हैं। साल्वे ने कोर्ट को यह भी बताया कि लोगों को सबूत देने के लिए आगे आने के लिए विज्ञापन दिया गया था और कई डिजिटल वीडियो सबूत बरामद किए गए हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…