लिखित आश्वासन के बाद भी नहीं किया जा रहा है मांगों का निस्तारण…

लिखित आश्वासन के बाद भी नहीं किया जा रहा है मांगों का निस्तारण…

पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संघ ने दी पुनः आन्दोलन की चेतावनी…

मलिहाबाद (लखनऊ)। पशुपालन संघ द्वारा विशेष सचिव पशुधन ने संघ के पदाधिकारियों के साथ 6 सितम्बर 2021 को बैठक कर लिखित रूप में आश्वासन दिया था कि 5 सदस्यीय विभागीय समिति द्वारा समयबद्ध निर्णय लेते हुए 5 दिन के अंदर सभी मांगों पर विचार कर रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी। उस रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय से सुसंगत प्रस्ताव मंगवा कर त्वरित कार्यवाही की जायेगी, लेकिन एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर संघ ने 7 अक्टूबर को पुनः विशेष सचिव पशुधन से मिलकर स्थिति से अवगत कराया। इस पर उन्होने निस्तारण के लिए समयबद्ध आदेश जारी कर निदेशक, पशुपालन को आदेशित किया था कि तत्काल सुस्पष्ट प्रस्ताव प्रेषित करें लेकिन स्थिति जस की तस बनी है।
विभाग अपनी ही कमेटी द्वारा संस्तुति की गई 8 मांगों पर प्रस्ताव शासन को नहीं भेज रहा है और वही पहले जैसा प्रकरण लंबित रखने का रवैया अपनाये हुये है जिसके कारण संघ को आंदोलन करना पड़ा। इससे विभाग के फार्मासिस्टों में आक्रोश व्याप्त है। पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संघ के प्रांतीय महामंत्री शारिक हसन खान ने बताया कि इस विषय पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत महामंत्री अतुल मिश्रा तथा जवाहर भवन कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश पांडे व राज्य कर्मचारी फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव से भी गहन विचार विमर्श किया गया है तथा सभी ने एकमत होकर संघ द्वारा लिए जाने वाले निर्णय पर अपनी सहमति व्यक्त किया है।
पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट संघ के अध्यक्ष पंकज शर्मा और महामंत्री शारिक हसन खान तथा प्रदेश प्रवक्ता शैलेंद्र शर्मा ने जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा है कि सहमति के बिंदुओं पर भी क्रियान्वयन में हीला हवाली करना सरकार की छवि को धूमिल करना तथा कर्मचारियों को बेवजह आंदोलन के लिए उकसाने जैसा है। सरकार को इसे संज्ञान लेना चाहिए और शासन द्वारा गठित कमेटी की संस्तुतियों के 8 प्रस्ताव को पशुपालन निदेशालय द्वारा रोक कर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर शासन के आदेश के बावजूद निदेशक पशुपालन कार्यों को ऐसे ही लंबित रखेंगे तो हम पुनः अपने साथी संघों राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद एवं उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के साथ एकत्र होकर फिर से आंदोलन करेंगे।

पत्रकार अभिषेक वर्मा की रिपोर्ट, , ,