गोवा कांग्रेस के नेता ने लखीमपुर हिंसा को जलियांवाला बाग जैसी घटना करार दिया
पणजी, 11 अक्टूबर। लखीमपुर खीरी कांड को लेकर देश भर बवाल मचा हुआ है। इस मामले में जमकर राजनीति भी हो रही है। इसी कड़ी में अब सोमवार को गोवा के कांग्रेसी नेता दिगंबर कामत ने लखीमपुर खीरी हिंसा को 1919 में हुए जलयानवाला बाग नरसंहार जैसी घटना करार दिया। पणजी में कांग्रेस पार्टी द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी विरोध अभियान का हिस्सा मौन व्रत प्रदर्शन में बोलते हुए कामत ने यह भी कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ ऐसी हिंसा केवल एक तानाशाही है जो
लोकतंत्र में नहीं है। उन्होंने कहा, यह केवल एक तानाशाही में हो सकता है। हमने पहले देखा है, तानाशाहों द्वारा शासित देशों ने लोगों को उत्तेजित कर दिया है। जब भारत अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहा था, तो हमने जलियांवाला बाग और अन्य घटनाओं को देखा, जहां किसान सत्याग्रह कर रहे थे। 1919 में ब्रिटिश सैनिकों द्वारा जलियांवाला बाग में सैकड़ों शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों
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को मार डाला गया था। यह हमारे लिए एक शर्म की बात है कि इस तरह की एक घटना लोकतंत्र में हो रही हैं। घटना के चार दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार नहीं किया गया था। कामत ने कहा कि केवल दबाव और सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया और वह अब न्यायिक हिरासत में
है। यह सरकार का कर्तव्य है कि वह लोगों को सुने। एक अच्छी सरकार को हमेशा लोगों को सुनना चाहिए। किसान, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी हैं, वह वे हैं जो अपने अधिकारों के लिए विरोध कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने भी कहा, हम खाने में सक्षम हैं क्योंकि किसान फसलों को पैदा करते हैं। किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। वो लगभग एक साल से नए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर विरोध कर रहे हैं।
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