लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में असम कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं ने रखा मौन व्रत
गुवाहाटी, 11 अक्टूबर। असम में विपक्षी कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हाल में हुयी हिंसा के विरोध में सोमवार को यहां मौन व्रत रखा और घटना में कथित संलिप्तता को लेकर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष को कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने के साथ ही केंद्रीय मंत्री को भी पद से हटाने की मांग की। असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन के दौरान हिंसा की घटना के खिलाफ कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत मेघदूत भवन (जीपीओ) के बाहर यह मौन व्रत रखा गया। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को
चार किसानों और दो भाजपा कार्यकर्ताओं समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। बोरा ने कांग्रेस द्वारा देश भर में किये जा रहे विरोध प्रदर्शन को “लोकतंत्र बचाने” के लिए पार्टी का प्रयास करार देते हुए कहा, “वीवीआईपी और आम नागरिकों के लिए
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छात्रा को अगवा कर नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करने का आरोप,
कानून अलग-अलग नहीं हो सकता। मंत्री के बेटे को आत्मसमर्पण करने तक गिरफ्तार करने का कोई प्रयास नहीं किया गया था।” एपीसीसी प्रमुख ने इस घटना में कैबिनेट मंत्री के बेटे की कथित भागीदारी के संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी चुप्पी
साधने का आरोप लगाया। असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया, जाकिर हुसैन सिकदर और सांसद प्रद्युत बोरदोलोई प्रदर्शन में शामिल होने वालों में शामिल थे। इससे पहले, पांच अक्टूबर को, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश में हिरासत में लिये जाने के विरोध में पूरे असम में धरना दिया था। प्रियंका को उस वक्त हिरासत में लिया गया था, जब वह लखीमपुर खीरी में मारे गए और घायल लोगों के परिजनों से मिलने जा रही थीं।
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