वायु प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार गंभीर

दिल्ली वालों को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए केजरीवाल सरकार गंभीर

-पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने निर्माणाधीन मेट्रो मॉल का किया औचक निरीक्षण

नई दिल्ली, 09 अक्टूबर दिल्ली वालों वायु प्रदूषण से बचाने के लिए केजरीवाल सरकार एंटी डस्ट अभियान के तहत पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही है। इसी अभियान के तहत पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज नार्थ दिल्ली स्थित निर्माणाधीन मेट्रो मॉल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की तरफ से जारी सभी दिशा-निर्देशों का इस निर्माण साइट पर पालन किया जा रहा है। निर्माण साइट के चारों तरफ टीन शेड लगा मिला और एंटी स्मॉग गन से पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। मंत्री गोपाल राय ने सभी निर्माण एजेंसियों से अपील करते हुए कहा कि

सरकार की तरफ से जारी मानकों का पालन करते हुए विकास कार्य करें, ताकि प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके और लोगों की सांसों पर वायु प्रदूषण का जो संकट आने की संभावना है, उससे उन्हें बचाया जा सके। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने एंटी डस्ट कैंपेन के अंतर्गत आज नार्थ दिल्ली स्थित मेट्रो मॉल के निर्माण साइट का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर 7 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक दिल्ली सरकार की तरफ से एंटी डस्ट कैंपेन चलाया जा रहा है। इसमें डीपीसीसी की टीमें अलग-अलग जिलों में जाकर निर्माण साइट का

निरीक्षण कर रही हैं। इसी अभियान के तहत मैने परसों प्रगति मैदान के सामने एल एंड टी (एंटी कैनाल) का काम चल रहा है, उसका निरीक्षण करने गया था। वहां पर दिल्ली सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन पाया गया था। जिसके बाद सरकार की तरफ से उस पर सख्त कार्रवाई की गई है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि नार्थ दिल्ली में मेट्रो मॉल का निर्माण कार्य चल रहा है। आज मैंने इस निर्माण साइट का औचक निरीक्षण किया है। यहां पर निरीक्षण करने के बाद नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया। मुझे खुशी है कि दिल्ली सरकार की तरफ से निर्माण कार्य कर रही एजेंसियों के लिए

जो भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, उसका यहां पर पालन किया जा रहा है। सरकार ने निर्माण साइट के चारों तरफ टीन शेड लगाने का निर्देश दिया है। यहां निर्माण साइट पर टीन शेड लगाया गया है। एंटी स्मॉग गन भी लगाया गया है। पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है। इसके अलावा भी जो निर्देश दिए गए हैं, उन निर्देशों का अच्छी से तरह से पालन किया जा रहा है। मुझे भरोसा है कि दिल्ली की सभी निर्माण एजेंसियां भी इसी तरह से सरकार के निर्देशों का पालन करेंगी। साथ ही, मैं दिल्ली की सभी निजी निर्माण एजेंसियों और सरकारी निर्माण एजेंसियों से अपील करता हूं कि वे विकास के लिए निर्माण का कार्य करें,

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लेकिन मानदंडों का पालन करने हुए करें। जिससे कि प्रदूषण की इस लड़ाई को हम और मजबूती के साथ आगे बढ़ा सकें। लोगों के सांसों पर वायु प्रदूषण जो संकट आने की संभावना है, उससे उन्हें हम बचा सके, इसी के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से यह एंटी डस्ट अभियान चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते गुरुवार को प्रगति मैदान में एंट्री कैनाल (ए एंड टी) का औचक निरीक्षण किया। वहां पर पर धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन होता पाया गया था। साइट के चारों तरफ धूल उड़ती मिली। वहां लगाई

गई त्रिपाल टुकड़ों-टुकड़ों में फटी मिली। साथ ही एंटी स्मॉग गन सिर्फ दिखाने के लिए रखा गया था और टैंकर में पानी तक नहीं था। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने धूल प्रदूषण करने पर संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और मानकों का उल्लंघन करने पर 5 लाख जुर्माना लगाया है। साथ ही निर्माण एजेंसी को नोटिस भी जारी कर दो दिन में जवाब देने का निर्देश दिया गया है। यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर निर्माण साइट पर मानकों का पालन नहीं किया गया, तो काम बंद करवा दिया जाएगा। केजरीवाल सरकार पूरी दिल्ली में धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 7 अक्टूबर से एंटी डस्ट अभियान चला रही है। इस

अभियान को धरातल पर उतारने के लिए 31 टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में निगरानी का काम कर रही हैं कि कौन-कौन निर्माण एजेंसियां सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रही हैं। टीमों को प्रतिदिन की रिपोर्ट भी देने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी निर्देश है कि धूल प्रदूषण करने वाली हर एक एजेंसी पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि धूल के प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर सभी सरकारी निर्माण एजेंसियों के साथ 14 सितंबर को और निजी निर्माण एजेंसियां के साथ 17 सितंबर को बैठक की थी। उस दौरान किसी भी

निर्माण साइट पर क्या-क्या तैयारी करनी है, उसके संबंध में 14 सूत्रीय एजेंडे पर विचार विमर्श किया गया था। उसके बाद 21-22 सितंबर को सार्वजनिक नोटिस जारी किया गया था कि निर्माण साइटों पर इन 14 नियमों को लागू करना जरूरी है। इसके बाद 2 अक्टूबर को सभी को रिमाइंडर भेजा गया। 7 अक्टूबर से शुरू हुए “एंटी डस्ट कैम्पिंग” के तहत अब तक डीपीसीसी की टीमों द्वारा 103 अलग-अलग निर्माण स्थलों का दौरा। जिसमें 32 निर्माण स्थलों पर पाई गई अनियमितता पाई गई जिन्हें डीपीसीसी द्वारा नोटिस जारी किया गया एवं 15 लाख का जुर्माना लगाया गया।

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