आठ हजार उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल मिले
नोएडा। मीटर रीडरों की लापरवाही और सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी की वजह से आठ हजार उपभोक्ताओं को गलत बिजली बिल मिले हैं। उपभोक्ता बिल ठीक कराने के लिए बिजली दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। दफ्तरों में कभी अधिकारी के नहीं मिलने तो कभी सर्वर की समस्या की वजह से बिल ठीक नहीं हो पा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं में विद्युत निगम के प्रति आक्रोश है।
विद्युत निगम ने आवासीय, औद्योगिक और व्यावसायिक श्रेणी के बिजली बिल बनाने और वितरण की जिम्मेदारी मेरठ की निजी कंपनी को सौंपी है। दो महीने पहले बिलिंग सर्किल को सुधारने के लिए कुछ बदलाव भी किए गए थे। इससे उपभोक्ताओं को निर्धारित 30 दिनों में बिल मिल रहा है परंतु बिल में फिर समस्या आनी शुरू हो गई है। एक सितंबर से अब तक करीब आठ हजार उपभोक्ताओं के बिल में गलतियां सामने आई हैं। इनको सही करने के लिए उपभोक्ता विद्युत निगम के अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं। इससे पहले भी कई बार उपभोक्ताओं के बिल गलत आ चुके हैं।
सेक्टर-15 नया बांस निवासी रणदीप झा का बिल दोगुना से अधिक आया है। उनका हर महीने औसत 20 हजार रुपये बिजली बिल आता है। इस महीने 33 हजार रुपये बिल आया है। वह बिल सही कराने के लिए विद्युत निगम के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। इसी तरह से सेक्टर-52 निवासी सुमन सचदेवा का हर महीने औसत बिल 10 हजार रुपये आता है। इस बार उनको 23 हजार 412 रुपये का बिल मिला है। सेक्टर-104 हाजीपुर निवासी आरपी अवाना का बिल भी हर महीने औसत आठ से दस हजार रुपये आता है परंतु सितंबर में उनका बिल 38 हजार रुपये से अधिक आया है।
सुधार कराने की प्रक्रिया लंबी
बिजली का बढ़ा बिल ठीक कराना उपभोक्ताओं के लिए आसान नहीं है। इसके लिए उपभोक्ता को पहले संबंधित बिजलीघर में जाना होता है। इसके बाद जेई को अपना पुराना बिल दिखाना पड़ता है। फिर पुराने बिल के आधार पर एसडीओ से रुपये कम कराने के लिए हस्ताक्षर करवाने होते हैं। इतना ही नहीं, उपभोक्ता को संबंधित अधिशासी अभियंता से भी बिल कम करवाकर हस्ताक्षर करवाने होते हैं। इसके बाद जेई से मिलकर नया बिल लेकर उसे जमा करना होता है। इन कामों के लिए उपभोक्ताओं को कम से कम पांच से छह दिनों तक बिजली दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ जाते हैं।
शहर के सेक्टर-1, 2, 5, 7, 14, 14ए, 15, 15ए, 16, 17, 18, 19, 27, 43, 44, 95, 94, 96, 97, 98, 104, 124, 125, 126, 127, 137, 142, 154 व 168 सहित नयागांव, झुंडपुरा, हरौला, रायपुर, बख्तावरपुर, हाजीपुर, असगरपुर, अट्टा, सलारपुर व छलेरा आदि में उपभोक्ताओं को बढ़े बिल मिले हैं।
इसलिए आ रही दिक्कत
-सॉफ्टवेयर में तकनीकी दिक्कत, मीटर रीडर द्वारा सही रीडिंग नहीं लेना, कार्यालय में बैठकर बिल बनाकर भेजना, मीटर में तकनीकी दिक्कत, मैन्युअली बिल सही करना, मानवीय भूल और मकान बंद होने से रीडिंग नहीं ले पाना।
उपभोक्ताओं के बिजली बिल तत्काल प्रभाव से ठीक किए जाएं, इसके लिए संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। अगर किसी उपभोक्ता का बिल ठीक नहीं हो पा रहा है तो वह सेक्टर-16 स्थित कार्यालय में संपर्क कर सकता है।
-वीएन सिंह, मुख्य अभियंता, यूपीपीसीएल
“हिन्द वतन समाचार” की रिपोर्ट