उत्तराखंड में जनांकिकी परिवर्तन बना चिंता का विषय
देहरादून। उत्तराखंड में पिछले कई वर्षों से जनसंख्या के सामुदायिक अनुपात में आ रहा बदलाव स्थानीय जनता के बीच बहस का मुद्दा रहा है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश सरकार ने इस पर अधिकारियों को कार्रवाई करने को कहा है।
पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने इस मुद्दे पर चिंता प्रकट की और कहा कि यह जांच किसी समुदाय विशेष को ‘निशाना बनाकर’ नहीं की जा रही है। उन्होंने संवाददाताओं को बताया, ”सम्यक विचार करने के बाद ही सरकार ने यह कदम उठाया है। पलायन और जनसंख्या असंतुलन चिंता का विषय है।”
जनांकिकी परिवर्तन को लेकर कार्रवाई की मांग भाजपा के अंदर से भी समय-समय पर उठती रही है। उत्तराखंड भाजपा के महासचिव अजेंद्र अजय भी पहाड़ी क्षेत्रों में ‘लव जिहाद’ और एक विशेष समुदाय के लोगों के धर्मस्थलों की संख्या में वृद्धि को लेकर मुख्यमंत्री धामी से मिलकर चिंता जता चुके हैं। लैंसडौन के भाजपा विधायक दिलीप सिंह रावत ने कहा कि इस समय हिंदू
संस्कृति के खिलाफ एक बड़ा युद्ध चल रहा है और हम लोग अपनी संस्कृति बचाने के लिए संघर्षरत हैं। उन्होंने कहा कि वह शुरू से ही कहते आ रहे हैं कि कुछ संस्थाएं धर्मांतरण के काम में लगी हैं। हालांकि, कांग्रेस ने इसे अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा द्वारा जनता को भ्रमित करने का प्रयास बताया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि यह राज्य सरकार द्वारा अपनी नाकामी से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास है।
हाल में अल्मोड़ा जिले में सामने आई एक घटना में एक स्थानीय लड़की को अल्पसंख्यक समुदाय के चार युवकों के साथ देखे जाने के बाद लोगों ने भारी विरोध किया था जिसके बाद पुलिस ने बहलाने फुसलाने और अपहरण के प्रयास के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया था। इससे पहले, टिहरी के घनसाली क्षेत्र में भी ऐसी ही एक घटना के बाद तनाव फैल गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया कि पिछले कुछ सालों में दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों में भी ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं जिससे तनाव पैदा हो रहा है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में पुलिस को सतर्क किया गया है और खुफिया जानकारी मांगी जा रही है ताकि ऐसे स्थानों को चिह्नित किया जा सके जहां सांप्रदायिक सौहार्द के बिगड़ने की आशंका है।
उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक, सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों तथा जिलाधिकारियों को इस प्रकार के मामलों के निदान के लिए कार्रवाई करने को कहा है। अधिकारियों को कहा गया है कि प्रदेश के कुछ विशेष क्षेत्रों में जनसंख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से जननांकीय परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं।
इस संबंध में एहतियाती कदम उठाने के निर्देश देते हुए प्रत्येक जिले में एक जिलास्तरीय समिति गठित करने को कहा गया है जो इस समस्या के निदान के लिए अपने सुझाव देगी। इसके अलावा संबंधित क्षेत्रों में शांति समितियों का गठन करने, समय-समय पर इन समितियों की बैठकें आयोजित करने, क्षेत्रों का चिह्नित कर असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर करवाई करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
”हिन्द वतन” समाचार की रिपोर्ट