डाक विभाग से छपवा लिए महंगाई के विरोध में टिकट, कांग्रेस नेताओं ने कर दिए जारी
इंदौर, 06 सितंबर। रसोई गैस और पेट्रोलियम पदार्थों की महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। इस बीच शहर के कांग्रेस नेताओं ने भारतीय डाक विभाग से ही महंगाई के खिलाफ डाक टिकट छपवा लिए। इंदौर के मुख्य डाकघर से ही ऐसे कुल 200 डाक टिकट छपवाए गए। सोमवार को बकायदा कांग्रेस नेताओं ने आयोजन कर इन टिकटों को जारी कर दिया। घोषणा की गई कि महंगाई के खिलाफ विरोध के पत्र लिखने का अभियान शुरू होगा। चिट्ठियों पर पहले ये ही टिकट चिपका कर भेजे जाएंगे।
भारतीय डाक विभाग ने बरसों पहले माय स्टाम्प योजना शुरू की थी। इसमें मौका दिया गया था कि कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद से खुद का किसी प्रिय व्यक्ति की तस्वीर के डाक टिकट छपवा सकता है। इसके लिए एक तय शुल्क चुकाना होता है। कांग्रेस सचिव विवेक खंडेलवाल और प्रवक्ता गिरीश जोशी ने इसी योजना का लाभ उठाते हुए महंगाई के विरोध को डाक टिकट पर उतार दिया। दोनों ने दो तरह के टिकट छपवाए।
पहले टिकट में गैस सिलेंडर की तस्वीर पर लिखा गया है अपकी बार 1000 पार। दूसरे टिकट पर एक व्यक्ति पीठ पर गैस सिलेंडर उठाए है और उस पर एक डायन का कार्टून सवार है। जिस पर लिखा है महंगाई डायन। दोनों डाक टिकटों को पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, शहर कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष मुकेश यादव और संभागीय प्रवक्ता अनूप शुक्ला से जारी करवाया गया। खंडेलवाल और जोशी ने कहा कि गैस सिलेंडर 912 रुपये, पेेट्रोल के 110 रुपये लीटर हो गया है।
खाने का तेल 160 रुपये और दालें 100 रुपये के पार मिल रही है। मंहगाई से मध्यम और गरीब परिवार परेशान है लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही। मंहगाई के विरोध में अब केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के नाम पूरे जिले और शहर से चिट्टियां लिखी जाएगी। इस तरह के डाक टिकट चिपका कर ये चिट्ठियां पोस्ट की जाएगी। पूरे प्रदेश में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से ऐसे टिकट छपवाकर चिट्टियां भेज महंगाई के विरोध का आव्हान भी किया गया है।
400 रुपये में छापने की योजना
डाक विभाग ने 2011 में माय स्टाम्प योजना शुरू की थी। इसके तहत नागरिकों या कार्पोरेट समूहों को अपनी पसंद की तस्वीरें, चिन्ह, प्रतीक, स्मारक, कलाकृति आदि के डाक टिकट बनवाने की सुविधा दी गई है। बमुश्किल 400 रुपये मे 12 टिकटों की एक शीट छाप कर डाक विभाग देता है। प्रत्येक टिकट का मूल्य 5 रुपये होता है। टिकट के एक हिस्सा पहले से छपा होता है। जबकि खाली हिस्से पर उपभोक्ता की मांग के हिसाब से तस्वीर डाक विभाग छाप कर देता है। हालांकि डाक विभाग योजना में शर्त रखता है कि किसी तरह की आपत्तिजनक, अनैतिक या कापीराइट उल्लंघन वाली तस्वीर नहीं छपवाई जा सकती। इस लिहाज से कांग्रेस के विरोध वाले डाक टिकट डाक विभाग को नियमानुसार प्रतीत हुए।