अमेरिकी विश्वविद्यालयों से ‘हिंदुत्व का खंडन’ सम्मेलन को प्रायोजित नहीं करने का आग्रह…

अमेरिकी विश्वविद्यालयों से ‘हिंदुत्व का खंडन’ सम्मेलन को प्रायोजित नहीं करने का आग्रह…

वाशिंगटन, 21 अगस्त । अमेरिका में एक प्रमुख हिंदू समूह ने कई अमेरिकी विश्वविद्यालयों से अगले महीने ‘वैश्विक हिंदुत्व को समाप्त करना’ विषय पर प्रस्तावित ऑनलाइन सम्मेलन को समर्थन नहीं देने का आग्रह किया है।

सम्मेलन के आयोजकों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर दावा किया कि 10 सितंबर से शुरू हो रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम को करीब 40 विश्वविद्यालयों के 45 से अधिक केंद्रों या विभागों ने सहप्रायोजित किया है जिनमें से अधिकांश अमेरिका के ही हैं।

विभिन्न हिंदू अमेरिकी समूहों ने उक्त सम्मेलन के लक्ष्य – भारत और अन्य जगहों पर हिंदू वर्चस्ववादी विचारधारा के संस्थापन की खोज – पर शुक्रवार को अपना आक्रोश जाहिर किया। विषय की जानकारी का इसकी वेबसाइट पर उल्लेख किया गया है और विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर इसे प्रचारित किया जा रहा है।

सम्मेलन के लिए वक्ताओं और पैनलिस्टों की सूची में मुख्य रूप से वे हैं जो भारत और अमेरिका में विभिन्न हिंदू समूहों के खिलाफ अपनी सक्रियता के लिए जाने जाते हैं।

‘वैश्विक हिंदुत्व को समाप्त करना’ (डीजीएच) सम्मेलन ने 40 से अधिक शीर्ष अमेरिकी विश्वविद्यालयों को अपने प्रायोजकों और प्रायोजकों के रूप में सूचीबद्ध किया है।

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन (एचएएफ) ने इन विश्वविद्यालयों को एक ईमेल लिखकर उनसे सम्मेलन से हटने का आग्रह किया, यदि वे वास्तव में इसका सह-प्रायोजन कर रहे हैं तो कृपया इसे छोड़ दें । संगठन ने कहा, डीजीएच के आयोजक आपकी संस्था के नाम की प्रतिष्ठा का इस्तेमाल एक अकादमिक सम्मेलन के आयोजन के लिए नहीं, बल्कि भारत में राजनीति से संबंधित एक विभाजनकारी कार्यक्रम के लिए कर रहे हैं। यह आयोजन हिंदू विरोधी भावनाओं के अस्तित्व को नकारते हुए भी हिंदू विरोधी संवाद को बढ़ाने के व्यापक इतिहास वाले कार्यकर्ताओं को मंच प्रदान करेगा।”

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…