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अनुवाद वह विधा है जो दो भिन्न भाषा-भाषी लोगों का एक-दूसरे से परिचय कराती है। अनुवाद ही अनजान भाषा की रहस्यमयी दुनिया का दरवाजा खोलती है। पहले अनुवादक एक सीमित करियर था लेकिन भू-मंडलीकरण के चलते जिस तरह दुनिया में आपसी संपर्क बढ़ा है, उससे अनुवादक का करियर भी संभावनाओं से लबरेज हो चुका है। पहले जहां अंग्रेजी, फ्रैंच, रूसी जैसी कुछ सीमित भाषाओं में नौकरी की संभावनाएं थीं वहीं आज दर्जनों भाषाओं खासकर चीनी, जापानी, जर्मन आदि में भी बड़ी अच्छी संभावनाएं पैदा हुई हैं। सरकारी नौकरियों में कनिष्ठ और वरिष्ठ हिंदी अनुवादकों की संभावनाएं रहती हैं। अनुवादक बनने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई डिग्री एवं डिप्लोमा पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं।
शैक्षणिक योग्यता:- अनुवाद में डिप्लोमाध्सर्टीफिकेट या एम.फिल. करने के लिए आपकी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक या स्नातकोत्तर होनी जरूरी है। साथ ही स्नातक स्तर पर हिंदी तथा अंग्रेजी एक विषय के रूप में अथवा स्नातक स्तर तक हिंदी माध्यम से अध्ययन किया हो। एक योग्य अनुवादक बनने के लिए विभिन्न संस्थान जो डिग्री या डिप्लोमा कोर्स कराते हैं, उनमें प्रवेश के लिए लिखित और मौखिक दोनों ही परीक्षाओं को पास करना जरूरी होता है। प्रवेश पाने के लिए विभिन्न संस्थान हर सत्र में ऐसी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं। इनमें हिस्सा लेने के लिए अपने शैक्षणिक दस्तावेजों की फोटोकॉपी के साथ आवेदन की जरूरत होती है। अनुवादक होने की डिग्री या डिप्लोमा मिलने के बाद केन्द्रीय सचिवालय, आकाशवाणी, दूरदर्शन में भी नौकरी मिलती है।
वेतनमान:- प्राइवेट संस्थानों और बहुराष्ट्रीय निगमों में काम करने के लिए कोई निर्धारित वेतनमान नहीं होता। यह कंपनी की आर्थिक हैसियत और आपकी योग्यता पर निर्भर करता है। अनुवादक को फुटकर काम बहुत मिलता है जैसे विभिन्न दूतावासों, चैनलों, पत्रिकाओं और अखबारों से लेकिन जहां तक सरकारी नौकरी के अंतर्गत कनिष्ठ हिंदी अनुवादक के वेतन का सवाल है तो इस पद के लिए 3,050-4,590 रुपए तक का मूल वेतन दिया जाता है। जैसे-जैसे कर्मचारी कनिष्ठता से वरिष्ठता की ओर अग्रसर होता है वैसे-वैसे उसके वेतनमान में बढ़ौतरी होती रहती है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…