राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने देश के अनेक राज्यों द्वारा…
बारी बारी से इण्टर कक्षाओं की परीक्षाओं को रद्द किए जाने की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा…
लखनऊ 04 जून। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने देश के अनेक राज्यों द्वारा बारी बारी से इण्टर कक्षाओं की परीक्षाओं को रद्द किए जाने की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा है कि देश के जिम्मेदार लोग “हिन्दुस्तान भेड़िया धसान” वाली कहावत को चरितार्थ करने में अपना योगदान कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोरोना काल की आड़ लेकर देश की विभिन्न व्यवस्थाओं में विशेष रूप से अर्थ व्यवस्था और शिक्षा व्यवस्था को अत्यधिक चोट पहुँचाया है जिसको भी ऐतिहासिक यादगार के रूप में जाना जायेगा।
श्री त्रिवेदी ने कहा कि जिस प्रकार आनलाईन व्यवस्था से अनभिज्ञ तंत्र के बावजूद प्रदेश की डबल इंजन की सरकार ने छात्रों के लिए आनलाईन अलाभकारी शिक्षण व्यवस्था को लागू किया जबकि वास्तविकता यह है कि आज भी बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों बच्चों को स्मार्ट फोन से शिक्षा का लाभ नहीं मिल पाया है।उन्होंने कहा कि कक्षा नौ तक तो बिना परीक्षा प्रोन्नत करना उचित कहा जा सकता है परन्तु 10 और 12 कक्षा के छात्रों की आनलाईन परीक्षा सम्पन्न हो सकती थी जिसको न कराकर विभिन्न प्रदेशों में शिक्षा के कर्णधारों ने देश के करोड़ों छात्रों एवं भावी नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ किया है।उन्होंने स्पष्ट किया कि आनलाईन परीक्षा के नाम से वे छात्र भी कुछ न कुछ किताबी ज्ञान प्राप्त कर लेते जिन्होंने दो साल तक कुछ नहीं किया था। इसके अतिरिक्त वे छात्र भी हतोत्साहित न होते जिन्होंने अच्छे अंकों के लिए लगातार परिश्रम किया।सरकार का यह निर्णय ” सब धान बाइस पसेरी ” की कहावत चरितार्थ करता है।
रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार का इण्टर की परीक्षाएं न कराने का निर्णय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा की वर्ष 2024 से सम्बंधित दूर दृष्टि है।इण्टर कक्षाओं के वे करोड़ों छात्र जो या तो परीक्षा छोड़ देते या फेल हो जाते या फेल होने के डर से परीक्षा ही न देते, वे अब सरकार की जय बोलते हुए 2024 के वोटर होंगे।ध्यान देने की बात यह है कि भाजपा का प्रत्येक कदम भविष्य को सोचकर उठता है भले ही वह सही दिशा में न हो। देश की उन्नति शिक्षित समाज में ही निहित है। सरकार यदि केवल चुनाव पर ही दृष्टि रखेगी तो युवा पीढ़ी का काफी नुकसान होगा जो देश की प्रगति में बाधा बनेगा।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…