चित्रकूट जेल गैंगवार/इनकाउंटर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा…..

चित्रकूट जेल गैंगवार/इनकाउंटर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा…..

दिल्ली के वकील ने याचिका दायर की, सीबीआई या एनआईए से जांच कराए जाने की मांग

“हिंद वतन समाचार” पर 14 व 15 मई को चली खबर 👆

यह भी कहा- योगी के मुख्यमंत्री बनने के बाद की सभी न्यायेत्तर हत्याओं की भी हो जांच

लखनऊ/नई दिल्ली। चित्रकूट जेल के अंदर हुए शूटआउट/इनकाउंटर के चलते यूपी की जेलों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलने वाला यह हैरतअंगेज सनसनीखेज मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार तथा एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई या एनआइए से जांच कराए जाने की मांग की गई है। चर्चित बिकरू कांड के विकास दुबे मामले में याचिका दायर करने वाले वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। उनको चित्रकूट जिला जेल में गैंगवार में मारे गए मुकीम काला और मेराजुद्दीन उर्फ भाई के साथ ही पुलिस एनकाउंटर में ढेर अंशु दीक्षित का प्रकरण बेहद संदिग्ध लग रहा है।
दिल्ली में रहने वाले एडवोकेट अनूप प्रकाश अवस्थी ने आज रविवार को आॅनलाइन याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से चित्रकूट जिला जेल हत्याकांड तथा एनकाउंटर प्रकरण की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई या फिर एनआइए से कराए जाने की मांग की है। फिलहाल अभी सुनवाई की कोई तारीख तय नहीं हुई है। वकील अनूप प्रकाश अवस्थी ने याचिका में मांग की है कि, योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यभार संभालने के बाद राज्य में 18 मार्च 2017 से अब तक हुई सभी न्यायेत्तर हत्याओं की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई या फिर एनआईए से कराई जाए।
मामले में दो एफआईआर दर्ज कराई गईं हैं…..
जेल के अंदर घटी घटना के संबंध में पहली एफआईआर जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी (अब निलंबित) ने आरोपी अंशु दीक्षित के खिलाफ दर्ज कराई है। पुलिस ने मृतक आरोपी अंशु दीक्षित के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का केस दर्ज किया है। दूसरी एफआईआर कोतवाली कर्वी के प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र त्रिपाठी ने‌मृतक आरोपी अंशु दीक्षित के खिलाफ धारा 307, 342, 504, 506, 25 और 7 के तहत केस दर्ज करवाई है। पुलिस की तरफ से 26 गोलियां चलाई गईं थीं, एफआईआर में इसका जिक्र है। (16 मई 2021)
विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,