उप कारागृह से खिड़की तोड़, दीवारें फांदकर पांच कैदी फरार…
श्रीगंगानगर। राजस्थान में जोधपुर जिले के फलौदी उप कारागृह से जेल कर्मियों की मिलीभगत से 16 बंदियों के फरार हो जाने का मामला अभी सुर्खियों में छाया ही हुआ है कि कल रात बीकानेर जिले के नोखा कस्बे के उप कारागृह से पांच कैदी फरार हो गए। पुलिस सूत्रों ने बताया कि फरार होने के लिए इन बंदियों ने पहले बैरक की खिड़की तोड़ी, एक कूलर हटाया, एक दीवार तोड़ी और कंबल के टुकड़ों से बनाए रस्से की मदद से बाहरी दीवार को फांद कर फरार हो गये। जेल प्रहरियों को बंदियों के फरार होने का लगभग ढाई घंटे बाद पता चला। इस का पता चलते ही जेल कर्मियों में अफरा तफरी मच गई। कुछ ही देर में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी जेल में पहुंच गए। सूत्रों ने बताया कि फरार होने वाले बंदियों में तीन हनुमानगढ़ जिले के हैं। एक नागौर का और एक बीकानेर जिले का है। एक बंदी कुख्यात अपराधी है। दोपहर में पुलिस महानिदेशक (जेल) राजीव दासौत भी इस मामले की जांच करने के लिए नोखा पहुंच गए। जेल प्रहरियों की लापरवाही से बंदी फरार हुए हैं या जेल कर्मियों की कोई मिलीभगत, इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह उप कारागृह नोखा कस्बे में बाहर की तरफ सुनसान स्थल पर स्थित है। इसमें बंदी रात्रि 2:30 बजे फरार हो जाने में कामयाब हो गए। सुबह 5:30 बजे इसका पता चला जब ड्यूटी पर तैनात जेल प्रहरी अंदर बैरकों की जांच करने के लिए आया। एक बैरक में 12 बंदी थे, लेकिन सात ही मिले। इस जेल कर्मी ने तत्काल दूसरे कर्मियों को सूचना दी। कुछ ही देर में जेलर एवं अन्य कर्मचारी भी आ गए। बाद में इस घटना की सूचना नोखा प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। सूत्रों ने बताया कि सूचना मिलते ही नोखा के डीएसपी नेमसिंह चौहान थाना प्रभारी, अरविंदसिंह और प्रशासन के कई अधिकारी कुछ ही देर में उपकारागृह पहुंच गए। उन्होंने शुरुआती जानकारी लेने के साथ ही फरार बंदियों को पकड़ने के लिए पूरे जिले में नाकाबंदी करवा दी। साथ लगते नागौर और चूरू जिलों में विशेष रुप से नाकाबंदी करवाई गई। फरार होने वाले बंदियों के घरों तथा संभावित छुपने के ठिकानों पर दबिश देने के लिए संबंधित थानों की पुलिस को निर्देश दिए गए। नोखा से बाहर निकलने वाले मार्गों पर तैनात की गई पुलिस ने आते-जाते वाहनों की जांच शुरू कर दी। लेकिन अब तक इनका सुराग नहीं लगा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फरार हुए बंदियों ने बैरक की खिड़की को तोड़कर और बाहर की तरफ रखे कूलर को हटाकर पीछे की तरफ 7 फुट ऊंची दीवार को तीन चार फुट ऊपर से तोड़ा। इस दीवार से लगभग 30 फुट दूर दूसरी नौ फुट की दीवार को फांदकर बंदी फरार हो गए। इस दीवार पर लोहे की एंगल के साथ लोहे की तारों में करंट भी प्रभावित प्रवाहित रहता है। यह जांच का विषय है कि रात को इन कंटीली तारों में करंट था या नहीं। अलबत्ता इस दीवार के साथ बने एक कमरे की छत से बाहर की तरफ कंबल के टुकड़ों से बनाया हुआ रस्सा लटकता हुआ मिला। कमरे की छत पर चढ़कर बंदी कंबल के रस्से से बाहर की तरफ उतर गए। सूत्रों ने बताया कि बाहर दीवार के नजदीक एक मोटरसाइकिल और एक चौपहिया वाहन के टायरों के निशान मिले हैं। शुरुआती जांच पड़ताल के आधार पर पुलिस एवं जेल सूत्रों का कहना है कि यह बंदी किसी बाहरी मदद से फरार हुए हैं। इसकी योजना कई दिनों से बनाई जा रही होगी। फरार होने वाले बंदियों ने बाहर से मदद करने वालों के साथ पहले मोबाइल फोन पर या मुलाकात के दौरान जेल से फरार होने के बारे में बातचीत की होगी। आजकल जेलों में लगे पीसीओ से बंदियों को परिवार जनों से प्रतिदिन पांच मिनट बात करने की सुविधा भी दी हुई है। इस बातचीत में भी भागने की योजना बनाए जाने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कैदियों की योजना की जेल प्रहरियों को कोई भनक नहीं लगी। इस सब जेल की क्षमता 100 से अधिक है। फिलहाल इसमें 49 बंदी थे। जिनमें यह पांच फरार हो गए। पुलिस सू्त्रों ने बताया कि फरार होने वाले बंदियों में हनुमानगढ़ जिले के नवा गांव निवासी सलीम, पीलीबंगा थाना क्षेत्र के गांव खरलियां निवासी मनदीप सिंह, पीलीबंगा के वार्ड नंबर 22 का निवासी सुरेश, बीकानेर जिले में जसरासर थाना क्षेत्र के गांव कुचौर अगुणी का रतीराम जाट और और हरियाणा के हिसार जिले में आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव सदलपुर का अनिल ब्राह्मण शामिल हैं। हनुमानगढ़ जिले के फरार हुए तीनों बंदी मादक पदार्थों की तस्करी एवं बिक्री के मामलों में न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद थे। अन्य दोनों में से एक कुख्यात अपराधी है। उस पर हत्या डकैती लूट आदि के कई मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…