*बढ़ते कोरोना के बीच लोगों की मानवीय संवेदना भी मरती जा रही है…..*

*बढ़ते कोरोना के बीच लोगों की मानवीय संवेदना भी मरती जा रही है…..*

*”हिंद वतन समाचार” पर कल चली गोरखपुर की खबर* 👆

*गोरखपुर के बाद लखनऊ में भी शर्मनाक मंजर आया सामने*

*पिता ने खुद पहले खोदी कब्र फिर बेटे का शव कंधे पर ले जाकर दफनाया*

*लखनऊ।* कोरोना महामारी के बीच खराब स्वास्थ व्यवस्था एवं सरकारी कर्मियों की लापरवाही की चर्चा जहां आम होती जा रही है, वहीं कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के साथ-साथ लोगों की मानवीय संवेदनाएं भी खत्म होने लगी हैं। कोरोना के खौफ के कारण पड़ोसी ही नहीं बल्कि करीबी रिश्तेदार भी साथ छोड़ रहे हैं। कुछ ऐसा नजारा गत दिनों गोरखपुर में देखने को मिला जहां एक शिक्षक व उनके पुत्र की कोरोना से मृत्यु के बाद शव को कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं सामने आए वहीं राजधानी लखनऊ में भी ऐसा शर्मनाक मंजर देखने को मिला जब एक पिता को खुद कब्र खोदकर अपने बच्चे का शव दफनाना पड़ा।
लखनऊ के चिनहट के लौलाई उप केंद्र के पास यह शर्मनाक मामला सामने आया, जहां लाचार पिता के 13 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। कोरोना संक्रमण के डर से समाज का एक भी शख्स शव को कंधा देने आगे नहीं आया। मजबूरी में बुजुर्ग पिता को अकेले कंधे पर शव को लेकर जाना पड़ा। लौलाई उप केंद्र के पीछे नाले के पास लाचार बेबस पिता ने खुद ही कब्र खोदी, फिर बेटे की लाश को दफन किया। इस दौरान न कोई करीबी रिश्तेदार मौजूद था और न ही आस-पड़ोस का कोई व्यक्ति नजर आया।
बेटे के गम में रो-रोकर बदहवास सूरजपाल ने बताया कि हफ्ते भर पहले बेटे को बुखार आया था, घर में ही इलाज चल रहा था, लेकिन दो दिन पहले हालत बिगड़ गई जिससे उसकी मौत हो गई। सूरजपाल ने बताया कि बेटे की मौत की खबर सुनकर कोई नहीं आया। पड़ोसी आपस में बेटे की मौत की चर्चा करते रहे लेकिन कंधा देने कोई नहीं आया। (18 अप्रैल 2021)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*