*पीएम आवास में रिश्वत मांगने से क्षुब्ध ग्रामीण ने*

*पीएम आवास में रिश्वत मांगने से क्षुब्ध ग्रामीण ने*

 

*फांसी लगा कर किया आत्महत्या का प्रयास*

 

*प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच* 

 

*चित्रकूट।* सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति का दावा खोखला साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलाने के नाम पर चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र के मवईखुर्द गांव के मुन्ना सिंह से सचिव ने बीस हजार की रिश्वत मांगी तो लाभार्थी ने क्षुब्ध होकर घर के पास स्थित एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या का प्रयास किया। ग्रामीणों ने समय रहते फांसी के फंदे से बचाकर मुन्ना सिंह को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। जिसके चलते उसकी जान बच गई।

मिली जानकारी के मुताबिक, चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र के मवईखुर्द गांव के मुन्ना सिंह ने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। गांव का सचिव कर पूर्व प्रधान उससे कालोनी दिलाने के नाम पर 20 हजार रूपये रिश्वत की डिमांड कर रहे थे। इसके साथ ही पैसा न देने पर लाभार्थी सूची से नाम कटवाने की धमकी दे रहे थे। रिश्वत दे पाने में असमर्थ एवं सचिव के रवैये से क्षुब्ध होकर मुन्ना सिंह ने रविवार को घर के बाहर स्थित एक पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या का प्रयास किया। वहीं परिजनों की चीख-पुकार सुनकर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने किसी तरह मुन्ना सिंह को फांसी के फंदे से बचाकर गंभीर हालत में इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मऊ में भर्ती कराया जहां स्थित गंभीर देख डॉक्टरों ने उसे जिला चिकित्सालय के लिए रेफर कर दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर डीएम सुभ्रांत कुमार शुक्ला ने सीडीओ अमित आसेरी समेत अन्य अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल पहुंचकर पीड़ित का हाल जाना। डीएम ने मातहत अधिकारियों को मामले की जांचकर दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये है। बीडीओ हिमांशु शुक्ला ने बताया कि डीएम के आदेश पर मामले की जांच की जा रही है। आत्महत्या का प्रयास करने वाले ग्रामीण की हालत खतरे से बाहर है।

आवास की स्थायी पात्रता सूची में सामान्य वर्ग के तहत प्राथमिकता क्रमांक दस पर मुन्ना सिंह का नाम अंकित है। क्रमांक सात के लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। प्रधानमंत्री आवास आवंटन में गांव के 15 अनसूचित जाति व पांच सामान्य वर्ग तथा दो अल्पसंख्यक को सुविधा दी गई है। मुन्ना सिंह ने डीएम को बताया कि आवास आवंटन के बारे में सचिव ने सही जानकारी न देकर गलत बर्ताव किया, जिससे क्षुब्ध होकर उसने आत्महत्या का प्रयास किया था। मौके पर सीडीओ अमित आसेरी, एडीएम जीपी सिंह, एसडीएम सदर रामप्रकाश, सीएमओ डाॅ विनोद कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।