गांव के विकास के लिए विद्युत मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है विद्युत…
लखनऊ 4 मार्च। गांव के विकास के लिए विद्युत मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। विद्युत होने से गांव, गली, मुहल्ले जहां जगमग हो जाते हैं, वही आम नागरिकों को विभिन्न उद्यमों की स्थापना रोजगार सहित आर्थिक विकास के लिए विद्युत सहभागी बन गयी है। विद्युत की किसानों को खेती करने, शैक्षणिक संस्थाओं, चिकित्सालयों सहित व्यक्ति के विकास में बड़ी आवश्यकता है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के विकास का जो खाका खींचा था उसमें विद्युतीकरण को प्राथमिकता दी गयी थी। प्रदेश सरकार ने आज प्रदेश के हर गांव का विद्युतीकरण करते हुए आम नागरिकों को विकास के पथ पर अग्रसर किया है।
प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में गांव, मजरों सहित अविद्युतीकृत घरों का विद्युतीकरण करते हुए लोगों के घरों में उजाला लाया है। सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान अब तक 121324 से अधिक गांवों/मजरों का विद्युतीकरण किया है। गांव एवं मजरों में जो विद्युतीकरण किया गया उसमें वर्ष 2017-18 में 61058 एवं 2018-19 में 60266 गांव/मजरों का विद्युतीकरण किया गया। विद्युतीकृत ग्रामों/मजरों में वर्ष 2017-18 में 35.79 लाख विद्युत संयोजन, वर्ष 2018-19 में 64.90 लाख विद्युत संयोजन, वर्ष 2019-20 में 22.97 लाख तथा वर्ष 2020-21 में 11 लाख से अधिक विद्युत संयोजन करते हुए अब तक 134.14 लाख से अधिक लोगों के विद्युत संयोजन निर्गत किये गये।
प्रत्येक ग्रामीण परिवार को विद्युत प्रदान करने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना, जिसे ‘सौभाग्य’ के नाम से भी जाना जाता है, ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सौभाग्य योजना के अन्तर्गत क्षेत्रों के गरीब परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा उल्लेखनीय प्रगति हासिल की गयी। इसके अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये। वहीं अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में विद्युत कनेक्शन प्रदान किये गये हैं। प्रदेश सरकार ने केवल सौभाग्य योजना में ही माह मार्च, 2020 तक 56.68 लाख ग्रामीण घरों को विद्युत संयोजन दिये गये हैं। वर्ष 2020-21 में माह दिसम्बर तक सौभाग्य योजना में लगभग 4.11 लाख घरों को विद्युत कनेक्शन निर्गत किया जाना लक्षित था जबकि 21 दिसम्बर 2020 तक 4.70 लाख घरों को विद्युत संयोजन निर्गत कर दिया गया है। जो लक्ष्य से अधिक है। इस प्रकार सौभाग्य योजना में 21 दिसम्बर 2020 तक लगभग 61.50 लाख घरों को विद्युत संयोजन प्रदान किये जा चुके हैं।
जब गांव व मजरें रोशन होते हैं तो प्रदेश के विकास में तीव्रता आती है। इसी के साथ प्रदेश सरकार का मंत्र सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास की सार्थकता सिद्ध हो रही है। गांव के जीवन में विद्युतीकरण से क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है, गांवों में भी कार्य के घंटे बढ़े हैं। हर घर में विद्युत होने के परिणामस्वरूप गांवों की विभिन्न उत्पादकता बढ़ रही है और प्रदेश के आर्थिक विकास में उन्नति हो रही है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…