निशानेबाजी विश्व कप के लिये पृथकवास अवधि…

निशानेबाजी विश्व कप के लिये पृथकवास अवधि…

छोटी ओर सुविधाजनक होगी : रीजीजू…

 

अहमदाबाद, 24 फरवरी । अगले महीने होने वाले निशानेबाजी विश्व कप में भाग लेने के लिये निशानेबाजों को प्रेरित करने के लिये खेलमंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को वादा किया कि टूर्नामेंट में पृथकवास की अवधि छोटी और सुविधाजनक होगी। आईएसएसएफ संयुक्त विश्व कप दिल्ली में 18 से 29 मार्च के बीच होगा जिसमें ब्रिटेन और ब्राजील समेत 40 देशों के निशानेबाज भाग ले रहे हैं। रीजीजू ने मोटेरा स्टेडियम के दौरे के बाद कहा,‘‘ मैं पहले ही आश्वासन दे चुका हूं कि भारत में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन ऐसे होगा कि कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ खिलाड़ियों को लंबे समय तक पृथकवास में नहीं रहना होगा। ’’ हाल ही में मंत्रालय से अनुरोध किया गया था कि 14 दिन के कड़े पृथकवास से निशानेबाजों को रियायत दी जाये और विदेश से आने वाले दल को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाये। रीजीजू ने कहा कि टीकाकरण स्वास्थ्य मंत्रालय के कार्यक्षेत्र में आता हे लेकिन वे यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रतियोगियों को असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा,‘‘ हमारे खिलाड़ी भी 14 . 15 दिन पृथकवास में रह गए तो उन्हें असुविधा होगी। इसलिये हम ऐसी योजना बना रहे हैं कि बाहर से आने वाले दल का रवानगी से पहले और पहुंचने पर कोरोना टेस्ट हो। हम इसे ऐसे अंजाम देंगे कि उन्हें असुविधा नहीं हो।’’ तोक्यो ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों को टीका देने की प्रक्रिया के बारे में रीजीजू ने कहा कि फिलहाल सरकार की प्राथमिकता कोरोना योद्धा हैं। उन्होंने कहा,‘‘ इसके बारे में फैसला स्वास्थ्य मंत्रालय लेगा और पहले ही तय हो चुका है कि प्राथमिकता कोरोना योद्धा होंगे। सबसे पहले डाक्टर, नर्स, सुरक्षाकर्मियों को टीके दिये जा रहे हैं।इसके बाद खिलाड़ियों और बाकियों का नंबर आयेगा।’’ उन्होंने कहा,‘‘ तोक्यो जाने वाले खिलाड़ी, तकनीकी टीमें, ट्रेनर को भी प्राथमिकता मिलेगी लेकिन समग्र प्राथमिकता सूची के बारे में फैसला गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय लेगा। खेल मंत्रालय की प्राथमिकता खिलाड़ी हैं।’’ फिलहाल खेल महासंघ राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के तहत आते हैं लेकिन खेलमंत्री ने कहा कि मौजूदा समय की जरूरतों के अनुसार इसमें बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा,‘‘ हम एक नया कोड बनाना चाहते हैं जिसमें आधुनिक समय की जरूरतों को ध्यान में रखा जायेगा। हम ऐसे प्रावधान बदलना चाहते हैं जिसमें अलग तरह के खेलों का ध्यान नहीं रखा जा रहा। जैसे गोल्फ, घुड़सवारी, आइस हॉकी, स्कीइंग ऐसे खेल हैं जो हर राज्य में नहीं खेले जाते।’’ रीजीजू ने यह भी कहा कि स्वतंत्र भारत के पहले ओलंपिक पदक विजेता के डी जाधव के नाम पर एक खेल केंद्र का नामकरण किया जायेगा। उन्होंने यह बात ऐसे समय पर कही जब 1952 हेलसिंकी ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता जाधव को पद्मश्री देने की मांग हो रही है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…