*बेसिक शिक्षकों के एक ही नियम को कई तरीके से बताकर गुमराह कर रहे हैं अधिकारी*

*बेसिक शिक्षकों के एक ही नियम को कई तरीके से बताकर गुमराह कर रहे हैं अधिकारी*
नियम कानूनों को लेकर बेसिक शिक्षक कीअनभिज्ञता अफसोस जनक है आज का ही जीवंत उदाहरण है गुरु तेज बहादुर की शहीदी दिवस ,उत्तर प्रदेश के कई जिलों में लिखित आदेश के साथ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दी गई, जबकि कई अन्य जिलों में मौखिक आदेश देकर भ्रमित किया गया ।विभिन्न संगठनों के प्रयास के बावजूद स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए गए ।जबकि सभी सरकारी विभाग इस अवकाश से आच्छादित है और इसी भ्रम की स्थिति में आज पूरे प्रदेश की स्थिति जो होगी उसे बयां क्या किया जाए आप लखनऊ में ही उदाहरण देख सकते हैं ,बहुत से विद्यालय खुले रहे और बहुत सुबह में इस तरह की विस्मय की स्थिति का शिकार।
क्या शिक्षा विभाग के अधिकारी जानबूझकर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रहे हैं ताकि छुट्टियों की कन्फ्यूजन के दौरान बंद हुए स्कूलों के शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध किया जा सकेउनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और फिर इंकार वाहन से बचने के लिए खरीद-फरोख्त…..
जिस प्रकार कन्फ्यूजन फैलाकर विभाग के अधिकारी सजग हैं नित प्रति जारी होने वाले आदेशों के प्रति और उन्हें लागू कराने के प्रति सजगता से बेसिक शिक्षक पर निगरानी रखी जाती हैनियम कानून जो उनके हित में है वहां कन्फ्यूजन पैदा कर दी जाती है ताकि वह उसका लाभ न ले सकें ।
टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर टीचिंग वर्क निपटाने व समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में डायरेक्टर बेसिक शिक्षा द्वारा 18/8/ 2020 को आदेश जारी किया गया जो कि शासनादेश संख्या 8/67 / 68-5-2020 अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में तथा इसे ससमय लागू करने के लिए था। जिसके तहत उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित परिषदीय मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय संचालन व पढ़ाई के घंटे वा सभी अवकाश निर्धारित कर दिए गए….. जिसमें 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक 8:00 बजे से लेकर 2:00 बजे तक तथा 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक 9:00 बजे से 3:00 बजे तक और इसमें साफ कहा गया कि शिक्षण अवधी से 15 मिनट पूर्व और शिक्षण अवधि के पश्चात 30 मिनट तक विद्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा.
उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 15 दिन कम कर दी गईं हैं। अब स्कूल छुट्टियों के बाद बजाए पहली जुलाई के 16 जून से ही खुल जाएंगे। वहीं 31 दिसमबर से 14 जनवरी तक जाड़े की छुट्टियां रहेंगी। अभी तक जाड़े में छुट्टियां नहीं दी जा रही थीं जो कि इस नए नियम में 15 दिन की शीतकालीन अवकाश के रूप में शिक्षकों को दी गई।

इस बारे में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने सभी जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, जिला शिक्षा परियोजना समिति व सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को एक आदेश जारी किया है अक्षरस: पालन किया जा रहा हैपरंतु कुछ अधिकारी कन्फ्यूजन फैलाते हुए यह निर्देशित कर रहे हैं कि शीतकालीन अवकाश नहीं दिया जाएगा।

240 शिक्षण दिवस का संचालन सुनिश्चित करने की बात कही गई, बेसिक विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2021- 22 से ग्रीष्मकालीन एवं शीतकालीन अवकाश निम्न वत निर्धारित किए गए हैं।
*शीतकालीन अवकाश दिनांक 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश 20 मई से 15 जून तक निर्धारित किए गए हैं*.
जैसा की विदित है कि जनवरी में मिलने वाले अवकाश शिक्षक अप्रैल में नहीं लेंगे इसलिए ना कंफ्यूज हो ना दूसरे को कंफ्यूज करें 31 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश शिक्षकों को मिले यह उनका शासनादेश के तहत प्रदान अधिकार हैं और शिक्षकों को सरकार द्वारा प्रदान किए गए भीषण सर्दी से बचाव के उपाय भी।
शिक्षा से संबंधित विभिन्न कार्यालय इस दौरान भी खुलेंगेऔर सब क्यों चाहेंगे कि शिक्षक 15 दिन का शीतकालीन अवकाश प्राप्त करें अतः सभी प्रयास किए जाएंगे जिससे शिक्षक भ्रमित हो…. और विद्यालय खोल कर बैठे हैं इसके लिए अभी से गलतफहमियां पैदा की जा रही हैं आप बिल्कुल क्लियर हैं 1 जनवरी से नया वर्ष प्रारंभ होते ही 2021-22 में प्रवेश कर जाते हैं। 1 जुलाई के बाद से ही लगातार सभी विद्यालय चेक होते हैं जहां टाइम एंड मोशन में दिए गए समय के अनुसार ही शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध कर दिया जाता है ।यदि वह उस समय सीमा के अंतर्गत विद्यालय में नहीं मिलने पर सैकड़ों शिक्षकों का वेतन अवरुद्ध करने की दंडात्मक कार्यवाही प्रदेश भर मेंकी गई, यह परिस्थितियां तब बनाईं गई जब विद्यालय में बच्चे नहीं आ रहे हैं। भीषण सर्दी में दूरदराज के एकांत विद्यालयों में शिक्षकों को बैठाना उनके साथ ज्यादती होगी।

शिक्षक यदि स्वस्थ रहेगा तभी शिक्षा की उन्नति में अपना पूर्ण मनोयोग से योगदान कर पाएगा।
अतः 15 दिन के शीतकालीन अवकाश का स्पष्ट आदेश डायरेक्टर बेसिक शिक्षा द्वारा जारी किया जाना चाहिए जिससे डायरेक्टरेट द्वारा ही अगस्त में जारी किए गए आदेश की प्रति पुष्टि होगी।