कोहरे ने लगाया कुशीनगर एयरपोर्ट से उड़ान पर ब्रेक…
कुशीनगर, 14 दिसंबर । कोहरे के कारण कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान की तैयारियों पर ब्रेक लग गया है। साफ मौसम में उड़ान को पूरी तरह तैयार इस एयरपोर्ट पर कोहरे व धुंध के कारण कम दृश्यता में उतरने के लिए आवश्यक उपकरण अभी लग नही पाए हैं। ऐसे में एयरपोर्ट अधिकारी अब फरवरी 2021 में उड़ान शुरू होने की बात कह रहे हैं।
सामान्य मौसम में विमान को रन वे पर लैंड करने के लिए 05 किमी दृश्यता का होना जरूरी है। यानी चालक को एयरपोर्ट पांच किमी दूर से दिखाई देना चाहिए। अथार्टी ने डीजीसीए (डाइरेक्टर जनरल सिविल एविएशन) को दिए उड़ान के लिए लाइसेंस के आवेदन में 05 किमी दृश्यता का उल्लेख भी किया है। जबकि उड़ान के लिए जरूरी उपकरण डीबीओआर (डाप्लर बेरी ओमनी रेंज) व आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) लग जाने के बाद 550 मीटर दृश्यता में भी विमान उतर सकते। परन्तु अभी इस दोनों सिस्टम को लगाने के लिए प्रक्रिया चल रही है। इस सिस्टम के लग जाने के बाद घने कोहरे, बारिश व अंधेरे के बीच भी विमान उतर सकते है।
खराब मौसम में पायलट व एटीसी के बीच कम्युनिकेशन व नेविगेशन के लिए इस सिस्टम को अपरिहार्य बताया जा रहा है। अभी देश के चुनिंदा हवाई अड्डों पर और प्रदेश के केवल लखनऊ हवाई अड्डे पर कार्य कर रही उच्च तकनीक की एंटी फाग सिस्टम ‘सी कैट’ प्रणाली लगाने की भी योजना यहां भविष्य में प्रस्तावित है।
ऐसे काम करता है आईएलएस
विशेषज्ञों के मुताबिक लैंडिंग करने वाले विमान के पायलट को आईएलएस की सहायता से 2360 फीट की ऊंचाई से ही सही जानकारी मिलने लगती है। बारिश में जब बादल नीचे रहते हैं और ठंड में कोहरे के कारण कम दृश्यता होती है, तब यह सिस्टम काफी कारगर रहता है। यदि यह सिस्टम नहीं रहे तो विमान को करीब 2000 फीट नीचे तक आना पड़ेगा। उड़ान के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी: संजय नारायण, जीएम एयरपोर्ट ने बताया कि कोहरे के कारण उड़ान की योजना प्रभावित हो रही है। उपकरण लगने या मौसम साफ होने की स्थिति में ही उड़ान सम्भावित है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…