बच्चों से मिलने के लिए तरस रही शिक्षिका मां को…

बच्चों से मिलने के लिए तरस रही शिक्षिका मां को…

अदालत का दिवाली तोहफा…

नई दिल्ली,नवंबर। सवा साल से अपने बच्चों से मिलने के लिए तरस रही एक मां को अदालत ने दिवाली का तोहफा दिया है। अदालत ने इस मां को 13 से 15 नवंबर तक सात साल के बेटे के साथ रहने की इजाजत दी है। वहीं, चार साल की बेटी इस दौरान पिता के साथ रहेगी। अदालत ने कहा है कि बच्चों की आयु बेहद कम है। ऐसे में उन्हें सही-गलत का अनुमान नहीं है। लेकिन एक मां का दिल बच्चों में होता है। ऐसे में फिलहाल बेटे को मां के साथ दिवाली मनाने का मौका दिया जा रहा है।

सरकारी स्कूल में शिक्षिका महिला अगस्त 2019 से पति व बच्चों से अलग है। महिला ने अदालत में घरेलू हिंसा का मुकदमा किया हुआ है। आरोप है कि कारोबारी पति ने अगस्त में उसके मारपीट की और घर से निकाल दिया। बच्चे भी उससे छीन लिए। सवा साल से वह बच्चों से मिलने की कोशिश कर रही है, लेकिन पति मिलने नहीं देता। वहीं, बच्चों की कस्टडी याचिका पर सुनवाई पहले दिल्ली में हुए दंगे और बाद में कोरोना के कारण लॉकडाउन की वजह से लगातार टलती रही है।

कड़कड़डूमा स्थित दीपाक्षी राणा की अदालत ने इस मामले में महिला के वकील गौरव मिश्रा की दलील सुनने के बाद अपने आदेश में कहा है कि 13 नवंबर की सुबह 11 बजे पिता कड़कड़डूमा मेट्रो स्टेशन पर बेटे की कस्टडी उसकी मां को सौंपेगा। वहीं, 15 नवंबर की शाम 6 बजे मां मेट्रो स्टेशन पर वापस बेटे की कस्टडी पति को सौंपेगी। अदालत ने पूरे मामले को सुनने के बाद कहा कि बड़ी ही पेचीदा स्थिति है। दो बच्चे हैं, जो पिता के पास हैं। मां की ममता के आगे किसी भी रिश्ते का वजूद वजनदार नहीं हो सकता। लेकिन, अभी यह समझना जल्दबाजी होगी कि बच्चों के पिता के साथ होने की वजह क्या है। बहरहाल मां को एक बच्चे के साथ दिवाली पूजन का मौका दिया जा रहा है।

“आधा घंटा बच्चों के व्यवहार का किया निरीक्षण”
इस मामले में किसी भी नतीजे पर पहुंचने से पहले अदालत ने बच्चों को विशेष रूम में बुलाया। यहां आधा घंटा उन्हें मां के साथ अकेले रहने का मौका दिया गया। न्यायिक अधिकारी इस दौरान सीसीटीवी कैमरे से बच्चों के व्यवहार पर नजर रखती रहीं। उन्होंने देखा कि बेटा मां से अच्छे से मिल रहा था, जबकि चार साल की बेटी कटी-कटी थी। इसी आधार पर अदालत ने मां और पिता दोनों की दिवाली पर खुशी को देखते हुए बेटे को मां के साथ रहने की इजाजत दी, जबकि बेटी को पिता के साथ रहने पर सहमति जताई। वहीं, अदालत ने कस्टडी याचिका पर निर्णय होने तक महीने में दो रविवार कालकाजी मंदिर पर शाम तीन बजे से शाम सात बजे तक दोनों बच्चों से मां को मिलाने के आदेश भी दिए हैं।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…