गौशालाओं में क्षमता के अनुसार ही गौवशों को रखा जाए…

गौशालाओं में क्षमता के अनुसार ही गौवशों को रखा जाए…

इटावा/उत्तर प्रदेश-: गौशालाओं की क्षमता के अनुसार निराश्रित गौवंशों को गौशालाओं में रखे जाने, गौवंशों के भरण पोषण हेतु उपलब्ध करायी गयी। धनराशि को व्यय कर समय से यूसी भेजे जाने, शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने वाले लाभार्थियो का चयन कर गौवंश उपलब्ध कराये जाने, हरे चारे की व्यवस्था हेतु गांव के आसपास भूमि का चयन किये जाने के निर्देश दिये।
यह निर्देश मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर. ने विकास भवन के आडीटोरियम हाल में आयोजित जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने समीक्षा के दौरान जनपद में निराश्रित गौवंशों की संख्या अधिक पाये जाने पर गौशालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार गौवंश संरक्षित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विकास खंड भर्थना में 125 बीघा जमीन कब्जा मुक्त करायी गयी भूमि उपलब्ध है, पशुओ के लिए हरे चारे की व्यवस्था करने के लिए तारबन्दी हेतु स्टीमेट बनाकर उपलब्ध कराया जाये ताकि उसका उपयोग हरे चारे की बुवाई के लिए किया जा सके। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी खंड विकास आधिकारियो को निर्देश दिये कि गोैवंशों के भरण पोषण हेतु उपलब्ध करायी गयी धनराशि का उपयोग प्रमाण तत्काल भेजा जाये यदि किसी खंड विकास अधिकारी द्वारा उपयोग प्रमाण पत्र समय से नही दिया जायेगा तो संबंधित को धनराशि नहीं दी जा सकेगी और उस अवधि में संबंधित बीडीओ को अपने पास से गोवंशों के भरण पोषण पर धनराशि व्यय करनी होगी। इस अवसर पर परियोजना निदेशक डीआरडीए उमाकान्त त्रिपाठी, डीसी एनआरएलएम बृजमोहन अम्बेड, डीसी श्रम रोजगार शौकत अली, जिला कृषि अधिकारी अभिनन्दन सिंह, समस्त खंड विकास अधिकारी आदि उपस्थित रहे। संचालन मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. विनीत पाण्डेय ने किया।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…