*ग्रामीणों ने पुलिस से पूछा, जली कार में शव किसका?*

*ग्रामीणों ने पुलिस से पूछा, जली कार में शव किसका?*

*सोहना, नवंबर।* छह दिन हो चुके हैं मगर पुलिस यह नहीं स्पष्ट कर पाई कि आग से क्षतिग्रस्त कार में जला हुआ शव किसका है? बुधवार को घटना सामने आने के बाद पुलिस ने शव की पहचान घामडोज गांव के रहने वाले डाक्टर कंवरपाल के रूप में की थी। वह भी इस आधार पर कि कार का पंजीकरण कंवरपाल के नाम है। डाक्टर के स्वजन ने भी मान लिया था कि शव कंवरपाल का ही है। शुक्रवार को इस घटना में नया मोड़ तब आया, जब घामडोज निवासी रणजीत के लापता होने की शिकायत पुलिस को दी गई। रणजीत ने ही 27 अक्टूबर रात दस बजे कंवरपाल के मोबाइल पर काल कर उन्हें बुलाया था। 28 अक्टूबर की सुबह कंवरपाल की सेलेरियो कार जली हुई हालत में गांव के रास्ते में खड़ी मिली थी, जिसकी पिछली सीट पर एक व्यक्ति का बुरी तरह से जला हुआ शव मिला था।

रणजीत के लापता होने के बाद से दोनों परिवार के लोग पुख्ता जांच की मांग कर रहे हैं। क्योंकि यह माना जा रहा है कि शव दोनों में से किसी एक का है और उसकी हत्या की गई है। पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ने पर गांव में ग्रामीणों ने एक पंचायत की और नाराजगी जताते हुए फैसला लिया कि पुलिस की लापरवाही को लेकर मंगलवार को एसीपी से मुलाकात कर जांच जल्दी पूरी कराने की मांग की जाएगी। डाक्टर के भाई प्रेमपाल ने कहा कि अभी तक उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई। उन्होंने डीएनए टेस्ट की मांग की थी, उसकी भी रिपोर्ट नहीं आई है। रणजीत के लापता होने के बाद कंवरपाल व रणजीत की काल डिटेल पुलिस अधिकारी ने निकलवाने की बात कही थी। वह भी नहीं निकाली गई। ऐसे में दोनों परिवार संशय में हैं। प्रेमपाल के अनुसार वे पहले दिन से ही कहते आ रहे हैं कि यह हादसा नहीं हत्या है। कार का दरवाजा खुला था। डीएनए जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि शव किसका है?