देश की नामी फूड एवं पैकेजिंग कंपनी हल्दीराम के सर्वर से महत्वपूर्ण डाटा चोरी…
डाटा वापस देने के एवज में कंपनी से 7 लाख डॉलर रंगदारी की मांग…
नोएडा, 17 अक्टूबर। साइबर अपराधियों ने देश की नामी फूड एवं पैकेजिंग कंपनी हल्दीराम के सर्वर से महत्वपूर्ण डाटा चोरी कर लिया। उन्होंने डाटा वापस देने के एवज में कंपनी से 7 लाख डॉलर की रंगदारी मांगी। इस संबंध में कंपनी प्रबंधन ने गुरुवार रात सेक्टर-58 थाना पुलिस को शिकायत दी है। साइबर सेल ने शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
फूड एवं पैकेजिंग कंपनी हल्दीराम का सेक्टर-62 सी-ब्लॉक में कॉरपोरेट ऑफिस है। यहां से कंपनी का आईटी विभाग संचालित होता है। हल्दीराम कंपनी के डीजीएम आईटी अजीज खान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 12 और 13 जुलाई की रात को कंपनी के सर्वर पर वायरस हमला किया गया था। यह हमला कंपनी के सेक्टर-62 स्थित ऑफिस के सर्वर पर हुआ था। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधियों ने हमले के दौरान कंपनी के मार्केटिंग बिजनेस से लेकर अन्य विभाग का डाटा चोरी कर लिया। इसके अलावा कई विभागों का डाटा डिलीट भी कर दिया। सर्वर से कंपनी की कई महत्वपूर्ण फाइलें भी गायब हो गईं। जब इसकी जानकारी कंपनी के उच्च अधिकारियों को हुई तो आंतरिक स्तर पर जांच की गई।
जांच के दौरान सामने आया कि सर्वर पर साइबर हमला हुआ है। इसके बाद कंपनी अधिकारियों और साइबर हमला करने वाले अपराधियों के बीच ऑनलाइन चैट हुई। चैट के दौरान अपराधियों ने डाटा वापस करने के नाम पर कंपनी प्रबंधन से सात लाख डॉलर की मांग की। प्रबंधन की तरफ से अपराधियों की कोई मांग नहीं मानी गई। अब प्रबंधन ने सेक्टर-58 थाना पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने केस को साइबर सेल के पास ट्रांसफर कर दिया है। साइबर सेल अपने स्तर पर जांच कर रही है ताकि फाइलों को वापस सर्वर पर लाया जा सके।
वायरस अटैक के बाद साइबर अपराधियों ने कंपनी के सर्वर की प्रोग्रामिंग को अपने कंट्रोल में ले लिया था। इसके बाद उन्होंने कंपनी के दिल्ली-एनसीआर के लाखों रुपये के ऑर्डर रोक दिए। ये ऑर्डर कंपनी के पास नहीं पहुंचे। साथ ही, कंपनी के ग्राहकों का डाटा भी डिलीट कर दिया। इसके अलावा सर्वर की अन्य सेटिंग भी बदल दी। अपराधियों ने कंपनी का डाटा लॉक करके उसे अनलॉक करने के लिए बिटकॉइंस या डॉलर्स में रुपये की मांग की थी।
अपराधियों ने चार से पांच घंटे तक कंपनी का सर्वर हैक रखा। आनन-फानन में कंपनी की तरफ से कुछ आईटी विशेषज्ञों को बुलाया गया। उन्होंने काफी मशक्कत के बाद करीब चार से पांच घंटे बाद सर्वर को अपने कंट्रोल में लिया लेकिन जब तक अपराधी कंपनी का काफी महत्वपूर्ण और गोपनीय डाटा डिलीट कर चुके थे।
साइबर सेल की जांच में खुलासा हुआ है कि साइबर अपराधियों ने रैनसमवेयर वायरस का इस्तेमाल कर कंपनी के सर्वर को हैक किया था। इस वायरस से अटैक का नोएडा में पहला मामला है। इससे पहले इस वायरस का प्रयोग कर देश में कई जगहों पर पैसे की मांग की गई है। जांच के दौरान कई आईपी एड्रेस साइबर सेल के सामने आए हैं। पुलिस आईपी एड्रेस की मदद से आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
आमतौर पर कई मालवेयर, जिन्हें हम अक्सर वायरस कहते हैं, कंप्यूटर में गलत तरीके से घुस जाते हैं। इनका उद्देश्य या तो कंप्यूटर के डाटा को चुराना होता है या फिर उसे मिटाना।
रैनसमवेयर सिस्टम में आकर आपके डाटा को ‘इनक्रिप्ट’ यानी लॉक कर देता है। यूजर तब तक इसमें मौजूद डाटा तक नहीं पहुंच पाता, जब तक कि वह इसे ‘अनलॉक’ करने के लिए रैनसम यानी फिरौती नहीं देता। रैनसमवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर वायरस है। इसके कंप्यूटर में आते ही यूजर कोई भी फाइल का इस्तेमाल नहीं कर सकता। अगर यूजर दोबारा फाइल खोलना चाहेगा तो उसको हैकर्स को बिटकॉइन के जरिए पैसे देने होते हैं।
कोविड-19 संक्रमण काल में जुलाई महीने में दुनिया भर की कई बड़ी कंपनियों पर वायरस अटैक हुआ था। साइबर अपराधियों ने कंपनियों का महत्वर्पूण डाटा चोरी कर मोटी रकम की मांग की थी। बताया जा रहा है कि साइबर हमला करने वाले एक गिरोह के रूप में काम कर रहे हैं।
अगर आप पुराने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे एक्सपी 8 या विस्टा का उपयोग कर रहे हों तो उसे अपडेट कर लें। माइक्रोसॉफ्ट ने विशेष सिक्योरिटी पैच जारी किए हैं। किसी भी तरह के ई-मेल के साथ आने वाले रार, जीप या इस तरह के कंप्रेश फाइल को खोलने से पहले सुनिश्चित कर लें कि ये सही हैं या नहीं। अनजाने मेल या लॉटरी से संबंधित ई-मेल को किसी भी तरह खोलने की कोशिश न करें। अपने सिस्टम में एंटी वायरस, एंटी फिशिंग, एंटी मालवेयर को तत्काल अपडेट कर लें।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…