जज़बा और नज़रया होता है शायरी का मेयार (प्रोफेसर अली अहमद फात्मी…

जज़बा और नज़रया होता है शायरी का मेयार (प्रोफेसर अली अहमद फात्मी…

शायरे अहलेबैत मुख्तार रिज़वी करारवी को खेराजे अक़ीदत पेश करते हुए शायरों ने उनकी शान मे पढ़े क़सीदे…

प्रयागराज/उत्तर प्रदेश:- मज़हबी और अदबी लोगों की मौजूदगी में दिवंगत शायर मुख्तार रिज़वी करारवी की याद में दरियाबाद के बैतुल हामेदीन मे जुटे शायरों ओलमाओं व दानिश्वरों ने अपने तास्सूरात का इज़हार करते हुए शायरी नशिस्त में दिवंगत शायर को खेराजे अक़ीदत पेश की।तूफान दरियाबादी के संचालन में हुए बज़्मे मसाल्लेमा व मर्सियाख्वानी में खुसूसी तक़रीर करते हुए इलाहाबिद विश्वविधालय उर्दू विभाग के सद्र प्रोफेसर अली अहमद फात्मी ने शायरी को उर्दू अदब को फरोग़ देने मे महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा करते हुए शायरी की मेयार के लिए जज़बा और नज़रया को अहम बताया।मर्सियाख्वान जावेद रिज़वी करारवी ने स्व मुख्तार रिज़वी को खेराजे अक़ीदत पेश करते हुए स्व मुख्तार रिज़वी द्वारा लिखी गई मर्सिया पढ़ी। शायर नायाब बलयावी, रौनक़ सफीपुरी, ज़मीर भोपतपुरी, बाबर ज़हीर, इतरत नक़वी, डॉ क़मर आब्दी ने शेरो शायरी के ज़रीये उच्चकोटी के शायर मुख्तार रिज़वी को मर्सिया, ग़ज़ल, नौहा क़सीदा लिखने वाले महान शायर बताते हुए खेराजे अक़ीदत पेश किया और दुआ ए मग़फिरत की।बज़्मे मर्सिया के आयोजक मौलाना आमिरुर रिज़वी ने आए हुए सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।बज़मे मुसाल्लेमा और मर्सियाख्वानी में मौलाना जव्वाद.हैदर जव्वादी, डॉ सै० मुन्तज़िर मेंहदी, मौलाना रज़ी हैदर, मौलाना जौहर अब्बास, मौलाना मोहम्मद अब्बास, मौलाना रिज़वान हैदर, मौलाना फैज़ान जव्वादी, मौलाना ज़रग़ाम हैदर, मौलाना आमिरुर रिज़वी, रिज़वान जव्वादी, हसन नक़वी, सै० मो० अस्करी, महमूद ज़ैदी, अर्शी, ज़ुलक़रनैन आब्दी,हैदर अब्बास नक़वी, शादाबा मसीह, कौसर रिज़वी, सूफी नक़वी, मशहद अली खाँ, अकबर अली खाँ, शबीह अब्बास, ज़ामिन हसन आदि मौजूद थे।

पत्रकार इरफान खान की रिपोर्ट…