*नदी टीलों से हो रहा बालू का अवैध खनन,प्रशासन खामोश!*
*दिन-रात होता खनन, आखिर क्यों नहीं रोक?*
*किसानों की खेती भी खनन से हो रही चौपट*
*बांदा/उत्तर प्रदेश* जिले की नरैनी तहसील के पाड़ा देव गांव के टीलों से बालू का बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है।सौ से अधिक ट्रैक्टरों के माध्यम से दिन-रात खनन कर माफिया बालू इकठ्ठा कर ट्रकों में लोड कराते हैं। ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी से किसानों की खेतीबाड़ी और गांव के रास्ते चौपट हो रहे हैं।
रिसौरा गांव के मजरा पाड़ा देव में केन नदी किनारे टीलों में माफिया मशीनें लगाकर बालू का खनन कर रहे हैं।खेतों में कई जगह बालू के बड़े-बड़े ढेर लगे हैं। लगभग सौ ट्रैक्टर बालू इकट्ठा करने में लगे हैं।रात में डंप की गई बालू को ट्रकों में लोड कराया जाता है।
एक साल पहले यहां एक भंडारण का परमिट जारी किया गया था। अनियमितताओं के कारण यह निलंबित है। इसके बावजूद यहां से भी अवैध लोडिंग की जा रही है।ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन में राजनीतिज्ञों का भी हाथ है। ट्रैक्टरों की धमाचौकड़ी से खेती उजड़ रही है। सीसी लोड क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बालू और मिट्टी फैलने से रास्ते दलदल में तब्दील हो गए हैं।
नरैनी कोतवाली पुलिस ने पिछले दिनों बालू भरे दो ट्रैक्टर ट्राली पकड़ ली। दोनों को कोतवाली में खड़ा किया गया है। कोतवाली प्रभारी राकेश कुमार सरोज ने दोनों ट्रैक्टर मालिकों के खिलाफ अवैध खनन की रिपोर्ट दर्ज की ।पर खनन का कार्य अब भी बेखौफ जारी है।दो दिन पूर्व बालू का खनन के दौरान टीला धसक गया। दो मजदूर घायल हो गये।
*पत्रकार शरद मिश्रा की रिपोर्ट*