*साजिशकर्ताओं पर कार्यवाही न होने से प्रशासन सवालों के घेरे में!*
*जिला पंचायत सदस्य का हो रहा मानसिक उत्पीडऩ*
*बांदा/उत्तर प्रदेश* माँ एंव पुत्रियों द्वारा बलात्कार के झूठे मामले में फंसाये जाने के आरोपों से परेशान जिला पंचायत सदस्य मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो गया है। प्रशासन भी पीडि़त जनप्रतिनिधि की ओर से निष्क्रिय बना हुवा हैं।तमाम सबूतों के बाद भी साजिश कर्ताओ के विरुद्घ कानूनी कार्यवाही नहीं हो रही।
यह बहुचर्चित मामला जिला मुख्यालय के जरैली कोठी मोहल्ले की है। यहां रहने वाले रामबाबू निषाद जो जिला पंचायत सदस्य भी हैं,इनपर मीरा नाम की महिला अपनी बेटियों के साथ बलात्कार के मामले में साजिशन फसाना चाहती है! जबकि इस संबंध में रामबाबू ऩे पहले से ही पुलिस प्रशासन को पूरी जानकारी देकरअपने निर्दोष होने का सबूत भी दे चुकें हैं।
यह भी उल्लेखनीय है की राम बाबू निषाद इस महिला द्वारा बीते साल भी अपनी बेटियों के माध्यम से बलात्कार का आरोप लगाया गया था पुलिस ने जिसेजांच में झूठा पाया था। जिसके बाद महिला ने पुलिस में दरख्वास्त देकर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में सुलहनामा भी किया।
बाद में इसी वर्ष मीरा ने रामबाबू को इसी वर्ष जनवरी माह में अपनी एक जमीन खरीदने के लिए तैयार किया। रजिस्ट्री के लिए पूरी पत्रावली मय गवाह के तैयार हो गई पर रजिस्ट्री आफिस में तकनीकी खराबी आ जानें के कारण उसके बयान दर्ज नहीं हो सके। अब वही महिला बीते डेढ़ माह से एक बार फिर रामबाबू को झूठे मामले में फंसाने की साजिश कर रही है जिससे रामबाबू जमीन पर कब्जा न कर सके। बदली हुई नियत के चलते महिला ने अपनी पुत्रियों के साथ अपने सहयोगियों के माध्यम से रामबाबू को फिर बलात्कार के मामले फंसाने का कुचर्क रचा जा रहा है। जिससे वह बेची गई जमीन पर कब्जा न कर सके। इसी संदर्भ में महिला तथा उसकी बेटियां बलात्कार के मामले को लेकर कोतवाली में तहरीर दी तो जांच के बाद कार्यवाही को कहा गया। इसके बाद से महिला और उसकी पुत्रियों द्वारा कभी आत्मदाह तो कभी इच्छा मृतयू के लिए ज्ञापन आदि के माध्यम से प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है।
*पत्रकार शरद मिश्रा की रिपोर्ट*