जिलाधिकारी ने नमो कालिन्दी अभियान का शुभारंभ किया…

जिलाधिकारी ने नमो कालिन्दी अभियान का शुभारंभ किया…

इटावा/उत्तर प्रदेश-: नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत अब तक केवल गंगा नदी के संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा था, परंतु गंगा की सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त हुए बिना गंगा की शुद्धता पूर्ण रूप से संभव नहीं है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने गंगा की सहायक नदियों को भी प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में कार्य करना प्रारंभ किया है।
जैव विविधता के संरक्षण का महत्व सर्वविदित है और बात जब जलीय जैव विविधता की हों तब इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। आपको ज्ञात होगा कि जीवन की उत्पत्ति जल में ही हुई और सबसे बड़ा खतरा भी जल संसाधनों व जलीय जैव विविधता पर ही मडरा रहा है। जैव विविधता संरक्षण के छह महत्वपूर्ण बिन्दुओं को परियोजना में क्रियान्वित किया जा रहा है। जिनमें स्वास्थ्य, व्यक्तिगत सफाई स्वच्छता, जल संरक्षण, जैवविविधता सर्वेक्षण, महत्वपूर्ण प्रजातियों का प्राकृतिक संरक्षण व संबर्वन, संकटग्रस्त जीवों का बचाव व पुर्नवास, विभिन्न विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों का क्षमता संवर्धन, शिक्षा व जागरूकता, कालिन्दी जैवविविधता सूचना केंद्रों की स्थापना आदि की है। जिलाधिकारी जेबी सिंह के निर्देशन में संस्था सोसायटी फार कंजरवेशन आफ नेचर स्कान ने जल व जलीय जैव विविधता संरक्षण के लिए द्विस्तीय जनजागरूकता अभियान नमो कालिन्दी का शुभारंभ किया। यमुनोत्री से संगम तक प्रत्येक 100 किलो मीटर पर एक समूह का गठन किया गया जिसे नदी मित्र समिति से कहा जाता है। यह एक प्रकार से स्थानीय समूह है इनका मुख्य कार्य अपने नदी क्षेत्र में आने वाले विभिन्न बदलावों के आंकड़े एकत्रित कर नदी स्वास्थ्य सूचक तंत्र तैयार करें। साथ ही नदी जैव विविधता संरक्षण में अपना योगदान देंगे। कालिन्दी इको स्कालर प्रत्येक विद्यालय में जल संरक्षण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाले बच्चों को कालिन्दी इको स्कालर की उपाधि दी जाएगी। इनको समय-समय पर पुरस्कार कर उत्साहवर्धन भी किया जाएगा। वार्ता के दौरान सीडीओ राजा गणपति आर, स्कान के संस्थापक पर्यावरणविद डा. राजीव चौहान, संजीव चौहान, अजय मिश्रा, भूपेन्द्र भदौरिया, अनुज कुमार मौजूद रहे।

पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…