*सनसनीखेज: सास-ससुर, दो सालियों की हत्या कर शवों को घर में ही दफना दिया….*

*सनसनीखेज: सास-ससुर, दो सालियों की हत्या कर शवों को घर में ही दफना दिया….*

*सोलह महीने बाद खुला हत्याओं का राज: दामाद व किराएदार गिरफ्तार*

*फर्श खोदकर निकाले गए चारों शव (कंकाल), बरेली में हुआ अंतिम संस्कार*

*मृतक हीरालाल (फाइल फोटो)* 👆

*मृतिका हेमवती (फाइल फोटो)* 👆

*बेटी पार्वती (फाइल फोटो)* 👆

*बेटी दुर्गा (फाइल फोटो)* 👆

*फर्श खोदकर चारों शवों को निकाला गया* 👆

*मौके का निरीक्षण करते हुए आईजी व एसपी* 👆

*हत्यारा दामाद व किराएदार पुलिस की गिरफ्त में*👆

*लखनऊ/रुद्रपुर/बरेली।* उत्तराखंड के रुद्रपुर में तेरह बीघा जमीन और मकान हड़पने की नीयत से दामाद ने किराएदार साथी की मदद से सास-ससुर और दो सालियों की बेरहमी से हत्या कर दी और शवों को घर में ही गड्ढा खोदकर दफनाने के बाद ऊपर से नया फर्श बनवा दिया। करीब 16 महीने 5 दिन बाद जब दामाद ने संपत्ति अपने नाम करने की मंशा से मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने की कोशिश की तो रिश्तेदार के शक करने पर पूरा मामला खुल गया। पुलिस ने घर के भीतर फर्श की खुदाई कर आरोपी दामाद नरेंद्र गंगवार के ससुर हीरालाल, सास हेमवती, उनकी बेटी दुर्गा और पार्वती के शव बरामद किए। शवों के पोस्टमार्टम के उपरांत आज बरेली में अंतिम संस्कार किया गया।
आईजी अजय रौतेला के अनुसार मूल रूप से यूपी के पैगानगरी तहसील मीरगंज थाना (बरेली) निवासी 65 वर्षीय हीरालाल वर्ष 2006 में परिवार के साथ राजा कॉलोनी ट्रांजिट कैंप में आकर बस गए थे, उनके पास गांव में 18 बीघा जमीन और मकान था। गांव छोड़ने से पहले उन्होने पांच बीघा जमीन बेच दी थी और इससे मिले रुपये से यहां मकान बनाया था।उनके साथ पत्नी हेमवती, बेटी लीलावती, दुर्गा और पार्वती रहते थे। हीरालाल ने गांव की 13 बीघा जमीन को बटाई पर वहीं के रहने वाले कुंवर सेन को दिया था। वर्ष 2008 में लीलावती की शादी नरेंद्र गंगवार निवासी ग्राम खेड़ा सराय थाना शीशगढ़ (बरेली) से हुई थी। ससुर की संपत्ति हड़पने के लिए नरेंद्र ने इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया।
*ऐसे खुला 16 महीने पहले हुई हत्याओं का राज…*
पांच दिन पहले 25 अगस्त को नरेंद्र गंगवार ग्राम पैगानगरी गया और बटाईदार कुंवर सेन से बटाई के रुपये देने को कहा, कुंवर ने जब हीरालाल के बारे में जानकारी ली तो नरेंद्र ने लॉकडाउन में उनकी मौत होने और सास व दोनों सालियों के कहीं चले जाने की बात कही। नरेंद्र ने मीरगंज तहसील से हीरालाल का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की कोशिश भी की। शक होने पर कुंवर सेन ने इसकी जानकारी हीरालाल के रिश्तेदार दुर्गा प्रसाद को दी। इन लोगों ने रुद्रपुर की राजा कॉलोनी पहुंचकर मोहल्ले के लोगों से जानकारी की, लेकिन हीरालाल समेत उनके परिवार का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद ये लोग 27 अगस्त की रात पुलिस के पास पहुंचे और दामाद के प्रति संदेह व्यक्त करते हुए शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने नरेंद्र को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने 20 अप्रैल 2019 की सुबह अपने किराएदार विजय गंगवार निवासी ग्राम दमखोदा थाना देवरनिया जिला बरेली के साथ मिलकर सास, ससुर और दो सालियों की हत्या करने की बात कबूली। इसके बाद मकान के आंगन की खुदाई की गई तो हीरालाल, हेमवती (55 वर्षीय), दुर्गा (26 वर्षीय) और पार्वती (20 वर्षीय) के शव बरामद किए गए। आईजी ने बताया कि नरेंद्र और विजय को गिरफ्तार कर लिया गया है। नरेंद्र की पत्नी लीलावती को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
*लीलावती कर रही मामले की जानकारी से इंकार ?*
मृतक की बेटी और आरोपी की पत्नी लीलावती ने वैसे तो पूरे प्रकरण की जानकारी होने से इनकार किया है लेकिन साढ़े 16 महीने तक उसके माता, पिता और दो बहनें गायब रहीं, इसकी जानकारी उसे न होना संदेह पैदा करता है। मामले में लीलावती की संलिप्तता होने की बात सामने आ रही है, पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। नरेंद्र ने पूछताछ में बताया कि रोजाना सुबह उसकी सास और साली दूध लेने जाया करते थे। इसके चलते उसने सुबह के समय ही हत्या करने की योजना बनाई थी। 20 अप्रैल 2019 की सुबह साढ़े पांच बजे उसकी सास हेमवती और साली पार्वती दूध लेने गए थे। मकान का दरवाजा खुला होने पर वह अपने साथी विजय के साथ घर में घुसा। इसके बाद उसने पहले दुर्गा और फिर हीरालाल पर डंडे से वार कर हत्या कर दी थी। थोड़ी देर में हेमवती और पार्वती घर पर आए तो उसी डंडे से उनकी भी हत्या कर दी। इसके बाद शवों को कमरे में छोड़कर बाहर से ताला लगा दिया था। 21 अप्रैल की सुबह पड़ोसियों को ससुरालियों की ओर से मकान बेचे जाने और मरम्मत करने की बात कहकर आंगन में खुदाई की, इसके बाद शवों को खोदे गए गड्ढे में डालकर ऊपर से सीमेंटेड फर्श भी बनवा दिया।
एसओ ललित जोशी के अनुसार चार हत्याएं करने का आरोपी नरेंद्र और उसका किरायदार विजय सिडकुल की कंपनियों में काम करते हैं। आईजी अजय रौतेला ने बताया कि करीब 16 महीने तक चार शव एक मकान में दफन रहे थे। रिश्तेदारों की तरफ से चार लोगों के गुम होने की शिकायत का त्वरित संज्ञान लेकर ट्रांजिट कैंप थाना पुलिस ने एक तरह से ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर सराहनीय कार्य किया है। उन्होने खुलासा करने वाली टीम को पांच हजार रुपये देने की घोषणा की है। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने भी ढाई हजार रुपये के इनाम की घोषणा की है। (30 अगस्त 2020)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*