*मोमोज खाने से फटी युवक की आंत, अचानक पेट में हुआ था विस्फोट*

*मोमोज खाने से फटी युवक की आंत, अचानक पेट में हुआ था विस्फोट*

*अगस्त रविवार 9-8-2020*

*जयपुर।* यूं तो हर कोई मोमोज का शौकीन है, इस दुनिया में शायद ही ऐसी कोई जगह हो जहां मोमोज न बिकते हो। मोमोज हर किसी के पसंदीदा चायनीज फूड में शामिल हैं। या कहिए कि आज के वक्त में मोमोज स्ट्रीट फूड्स का किंग बन गया है। भारतीय बाजारों में छाए मोमोज को लगभग एक दशक से ज्यादा वक्त हो चुका है। ये अपने स्वाद और सस्ते दाम की वजह से इंडियन स्ट्रीट फूड में अपनी पैठ बनाने में कामयाब रहे।

लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं, यह खबर आपके लिए काफी काम की साबित हो सकती है। दरअसल मोमोज को पसंद करने वाले कई बार शौक-शौक में स्पाइसी मोमोज भी खा लेते हैं, जिसका नुकसान उन्हें पता भी नहीं होता। वहीं इन दिनों एक ऐसा मामला सामने आया है जहां चीन में एक शख्स चटपटे मोमोज को देखकर अपने आप पर काबू नहीं रख सका, लेकिन तेज मिर्च वाले मोमोज खाना उस शख्स को भारी पड़ गया।

बता दें कि युवक के तेज स्पाइसी मोमोज खाने की वजह से उसके पेट में आचानक विस्फोट हुआ और उसकी आंतें फट गई। बताया जा रहा है पेट में हुए विस्फोट से युवक की हालत गंभीर बनी हुई है, उसे अस्पताल ले जाया गया। हालांकि इलाज के दौरान शख्स की जान बचा ली गई, युवक का नाम अजमेर बताया जा रहा है, 27 साल के अजमेर सिंह ने डिनर में खूब तेज मिर्ची वाले मोमोज खाए, औऱ फिर अचानक उनके पेट में गड़बड़ होने लगी। इस दौरान उनके पेट में विस्फोट हुआ।

डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि तेज मिर्ची वाले मोमोज खाने से उनके पेट में तेजी से गैस बनी, लेकिन आंतों में खाना फंस और प्रेशर बढ़ने पर ब्लास्ट हो गया। ऐसे में डॉक्टरों ने उन्हें मसालेदार खाने के लिए मना किया था। लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की जो उन्हें भारी पड़ गई। इससे उनकी जान भी खतरे में पड़ गई थी। पूरा मामला राजस्थान के जयपुर का है।

डॉक्टर्स का कहना है कि स्ट्रीट फूड – विशेष रूप से नूडल्स, मंचूरियन, बर्गर और मोमोज में घातक कोलीफॉर्म का स्तर बहुत अधिक होता है। इस तरह के स्ट्रीट फूड खाने से डायरिया, टाइफाइड, पेट में ऐंठन और फूड पॉइजनिंग होने का खतरा बना रहता है। मोमोज बनाने में मैदा का इस्तेमाल किया जाता है, जो गेहूं के आटे से रिफाइंड तकनीक द्वारा तैयार की जाती है। यह गेहूं का ही स्टार्ची पार्ट होता है। इसे एज़ोडीकार्बोनामाइड, क्लोरीनैगस, बेंजॉयल पेरोक्साइड या अन्य किसी रसायन के माध्यम से ब्लीच किया जाता है।

इन कैमिकल्स में मौजूद कुछ हानिकारक एलिमेंट, जो मैदा को नर्म और क्लीन टेक्सचर देने का काम करते हैं, काफी मात्रा में मैदा में रह जाते हैं। जो हमारे शरीर में जाने के बाद पेनक्रियाज को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं। केमिकल्स के प्रभाव के चलते पेनक्रियाज द्वारा इंसुलिन प्रॉडक्टिविटी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ये केमिकल्स इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबीटीज की वजह भी होते हैं। इसलिए अगली बार मोमोज खाने से पहले इन सब पहलुओं पर गौर अवश्य करें, नहीं तो स्वाद के चक्कर में लेने के देने भी पड़ सकते हैं।