दो शादियां करने के बाद तीसरे के साथ बिन ब्याही रह रही थी…

दो शादियां करने के बाद तीसरे के साथ बिन ब्याही रह रही थी…

महिला और उसके पति की निर्मम हत्या…

अगस्त शुक्रवार 7-8-2020 गोरखपुर: रीमा गौड़ की दो शादियां हुई थीं जबकि वह तीसरे व्यक्ति अनरजीत के साथ बिना शादी ही पत्नी की तरह रहती थी। अनरजीत भी शादीशुदा होने के साथ दो बच्चों का पिता था, फिर भी पंचायत में पंचों के सामने जबान देने के बाद उसने रीमा को अपने साथ रख लिया। पत्नी और बच्चों के भरण-पोषण की भी व्यवस्था करता रहा।

गुलरिहा थानाक्षेत्र के ठाकुरपुर नम्बर एक टोला गड़हिया निवासी रामरक्षा गौड़ की 30 वर्षीय बेटी रीमा की दस साल पहले महराजगंज जिले के बेलवा काजी निवासी रवीन्द्र से शादी हुई थी। शादी के 15 दिन बाद ही रवीन्द्र की सड़क हादसे में मौत हो गई। शादी के 15 दिन बाद ही विधवा हुई रीमा की नई जिंदगी बसाने के लिए पिता ने उसकी शादी गुलरिहा के डुमरी नम्बर एक पोखरिअहवा निवासी राजेन्द्र गौड़ के साथ कर दी।

आरोप है कि राजेन्द्र शराब का आदी था। वह नशे में अक्सर रीमा को मारता-पीटता रहता था।इस विवाद को लेकर पंचायत बुलाई गई। रीमा के पिता की तरफ से गुलरिहा इलाके के जैतपुर टोला मोहम्मद बरवा निवासी अनरजीत गुप्ता भी पंचायत में शामिल हुआ था। पंचायत में अनरजीत रीमा का पक्ष ले रहा था यह बात उसके पति राजेन्द्र को नागवार लगी तो उसने अनरजीत से कहा कि वह ही रीमा को रख ले।

ताव में अनरजीत ने भी रीमा को अपने साथ रखने का फैसला कर लिया उसके बाद उसके घर में कलह शुरू हो गई।अनरजीत की पत्नी संगीता ने विरोध किया। अनरजीत के दो बेटे हैं बड़ा 14 साल का सूरज तो छोटा 11 साल का आकाश। अनरजीत ने पहली पत्नी संगीता और बच्चों की परवरिश के साथ ही रीमा के साथ अलग रहने का भरोसा दिया जिस पर संगीता भी मान गई।

अनरजीत ने गांव के बाहर जमीन खरीद कर वहीं पर टीनशेड डालकर कमरा बनाया था और वहीं रीमा के साथ रहता था।अनरजीत भटहट स्थित शिव शक्ति गैस एजेंसी पर सिलेंडर वितरण के काम से जुड़ा था। वह करीब 12 गाड़ियों से लोगों के घरों तक सिलेंडर की सप्लाई करता था। बड़ा बेटा सूरज भी इसमें उसका हाथ बंटाता था। यही वजह थी कि इलाके में उसे काफी लोग जानते थे। हत्या की खबर से लोग स्तब्ध हैं।
अनरजीत की बहन ने घर से भागकर अपने प्रेमी प्रदीप से शादी की थी। अमरजीत की बहन जब घर से गई थी तब इस मामले में केस दर्ज हुआ था लेकिन बालिग होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई और उसकी बहन प्रेमी के साथ रहने लगी थी।अनरजीत ने गांव के पूरब सड़क के किनारे जमीन खरीद कर चारों तरफ से बाउन्ड्री कर रखी थी।
अन्दर एक कमरा टीनशेड डालकर रीमा के साथ एक साल से रह रहा था। दोनों से अभी कोई सन्तान नहीं थी। रीमा का शव तख्त पर औंधे मुंह तथा अनरजीत का शव तख्ते के बगल में नीचे पड़ा था। दोनों के सिर पर वार किया गया था। अनरजीत के सिर पर चोट के चार निशान थे।
घटनास्थल से खून से सना फावड़ा तथा गहनों के कुछ खाली डिब्बे भी मिले हैं। इसके अलावा चार जूठी थालियां भी मिली हैं। माना जा रहा है कि घटना से पूर्व चार लोगों ने भोजन किया था। डाग स्क्वायड की जांच में घटनास्थल से दौ सौ मीटर की दूरी पर चिलुआताल के किनारे चार प्लास्टिक के गिलास तथा कुछ खाली पालीथिन भी मिली है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…