श्रीराम मंदिर का शिलान्यास नहीं देख पाये कारसेवा के योध्दा भइया लाल मिश्र…

श्रीराम मंदिर का शिलान्यास नहीं देख पाये कारसेवा के योध्दा भइया लाल मिश्र…

फर्रुखाबाद। पूर्व ऊर्जा मंत्री स्व. ब्रह्मदत्त द्विवेदी के साथ में राम मंदिर आन्दोलन के दौरान इटावा जेल में रहे भइया लाल मिश्रा आजीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए तन-मन-धन समर्पित करते रहे। विपरीत परिस्थतियों में भी कारसेवा के इस योध्दा ने साहस नहीं छोड़ा और अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण की अलख घर-घर जाकर जगाई लेकिन जब राम मंदिर के निर्माण का रास्ता खुला और कल 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास होगा तो यह योध्दा हम सबको छोड़कर चला गया। इसे विडम्बना कहें या संयोग कि उम्र भर राम मंदिर के लिए लड़ने वाले भइया लाल मिश्रा राम मंदिर शिलान्यास की पूर्व संध्या पर ही हम सबको छोड़कर चले गये।
आपातकाल लोकतंत्र सेनानी समिति के जुझारु व कर्मठ जिलाध्यक्ष भैयालाल मिश्र के निधन से हम सब स्तब्ध व आहत हैं। श्री मिश्र का सामाजिक जीवन न सिर्फ समिति को अपितु राष्ट्र तत्व को समर्पित था। चाहे वह आपातकाल जैसे काले कानून का विरोध रहा हो, शिमला समझौते का प्रतिकार रहा हो, 1974 में महंगाई की मार से आहत रही जनता के समर्थन में दृदृढ़ता से खड़े होना रहा हो या फिर रामजन्मभूमि आंदोलन में जेल जाना रहा हो, हम सबने भैयालाल की दृदृढ़ इच्छाशक्ति व संघर्ष को न सिर्फ नजदीक से देखा बल्कि सामाजिक कार्यों को कैसे समर्पित भाव से आगे बढ़ाया जा सकता है, इसकी कहीं न कहीं प्रेरणा भी ग्रहण की थी।
आज जब 90 वर्ष की अवस्था मे वह हम सबको छोंड़कर परमतत्व में विलीन हो गए हैं, तब उनके कार्य व विचार हमें अपने सामाजिक जीवन को और जनोपयोगी बनाने को आंदोलित व प्रेरित करते रहेंगे। बतौर अध्यक्ष आपातकालीन लोकतंत्र सेनानी समिति मैं उन्हें सादर श्रध्दाजल

पत्रकार राहुल सिंह चौहान की रिपोर्ट…