*”मैं विकास दुबे, कानपुर वाला”… दुस्साहस भरी आवाज का हुआ अंत…..*

*”मैं विकास दुबे, कानपुर वाला”… दुस्साहस भरी आवाज का हुआ अंत…..*

*पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी 5 लाख का इनामी विकास दुबे मारा गया*

*उज्जैन से कानपुर लाए जाते समय गाड़ी पलटने के बाद हुई मुठभेड़: चार पुलिसकर्मी भी घायल*

*दावा: मुठभेड़ में घायल हुए एसटीएफ के जवान* 👆

*मुठभेड़ स्थल पर पड़ी पुलिस से छीनी गई पिस्टल* 👆

*”मुठभेड़” को लेकर विपक्ष की चौतरफा घेरेबंदी: अखिलेश ने कहा- सरकार पलटने से बचाई गई !*

*आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा कल किया गया था ये ट्वीट* 👆

*आईजी मोहित अग्रवाल: मारा गया अपराधी विकास दुबे* 👆

*एडीजी जोन जेएन सिंह मुठभेड़ की जानकारी देते हुए* 👆

*विकास दुबे के लखनऊ वाले घर के बाहर तैनात पुलिसकर्मी* 👆

*लखनऊ/कानपुर।* “मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला….” ये गूंज कल आखिरी बार उज्जैन में महाकाल मंदिर के बाहर सुनाई दी थी….आज सुबह साढ़े 6 बजे दुस्साहस से भरी इस आवाज को यूपी एसटीएफ ने हमेशा के लिए शांत कर दिया। पुलिस के अनुसार उज्जैन से कानपुर लाए जाते समय कानपुर हाइवे पर भौंती-नौबस्ता के पास गाड़ी पलटने के बाद पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने के प्रयास में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी पांच लाख का इनामी विकास दुबे मुठभेड़ में मारा गया। विकास दुबे द्वारा की गई फायरिंग में चार पुलिसकर्मियों के घायल होने की बात कही जा रही है। विकास दुबे के इनकाउंटर से जहां शहीद पुलिसकर्मियों में खुशी की लहर है, वहीं ये “मुठभेड़” अपने पीछे काफी सवाल छोड़ गईं है। विपक्ष ने कहा है कि विकास की मौत के साथ अपराधी-पुलिस, खादी के गठजोड़ के कनेक्शन अब राज ही रह जाएगा। ये भी खबर है कि सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर विकास के “मुठभेड़” में मारे की आशंका कल शाम ही जताई गई थी।
*”175 घंटे के बाद हुआ आतंक का अंत…..*
आखिरकार पुलिसकर्मियों की हत्या के 175 घंटे बाद आतंक का पर्याय रहे गैंगस्टर विकास दुबे का खात्मा हो गया। आज सुबह हुई मुठभेड़ के बारे में कानपुर पुलिस के मीडिया सेल की विज्ञप्ति में कहा गया है कि चौबेपुर थाने पर 3 जुलाई को दर्ज पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी/वांछित 5 लाख रुपए के इनामी बिकरू गांव निवासी विकास दुबे को कल उज्जैन, मध्यप्रदेश से गिरफ्तार किए जाने के बाद एसटीएफ की टीम द्वारा कानपुर लाया जा रहा था। भौंती के पास पुलिस का वो वाहन (कार) दुर्घटनाग्रस्त होकर पलट गई, जिसमें विकास दुबे बैठा था। विकास सहित कई पुलिसकर्मियों को चोटें आईं। इसी के बाद विकास दुबे ने एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। पुलिस टीम द्वारा पीछा कर उसे घेरकर आत्मसमर्पण करने हेतु कहा गया किन्तु वह नहीं माना और पुलिस टीम पर जान से मारने की नियत से फायर करने लगा, पुलिस की जवाबी फायरिंग में वह घायल हो गया। विकास के सीने व सिर में गोली लगी, उसे हैलेट अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
*”देश के सभी न्यायाधीश इस्तीफा दे दें”…..*
इस मुठभेड़ को लेकर विपक्ष ने सरकार की चौतरफा घेरेबंदी शुरु कर दी है। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के सभी न्यायाधीश इस्तीफा दे दें, योगी के ठोक दो राज में अदालतों की जरुरत नहीं हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, सरकार पलटने से बचाई गई है। पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट किया है कि कोई तो बड़ा शख्श है जो नहीं चाहता था कि सच्चाई सामने आए। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
*विकास दुबे मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका…..*
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता वकील घनश्याम उपाध्याय का कहना है कि वो आज सुनवाई की मांग करेंगे। कल दाखिल याचिका में विकास को एनकाउंटर से बचाने की मांग की गई थी। उसके घर, मॉल को ढहाने के मामले में एफआईआर दर्ज करने, पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की भी मांग की गई है। याचिका में मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि दुबे का घर, शापिंग मॉल व गाड़ियां तोड़ने पर यूपी पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो, मामले की जांच के लिए समय भी सीमा तय की जाए। (10 जुलाई 2020)
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*