सबसे बड़े हमले में पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली…

सबसे बड़े हमले में पांच दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली…

विकास दुबे के साथियों के पोस्टर लगाए गए 👆

एडीजी प्रशांत कुमार: कोई भी नहीं बख्शा जाएगा 👆    सीओ आॅफिस जांच करने पहुंची आईजी लक्ष्मी सिंह 👆

बिकास दुबे का तो पता नहीं, पर रोज हो रहे हैं नए-नए खुलासे: सरकार और पुलिस विभाग सवालों के घेरे में…

सूर्य प्रताप सिंह: “बिल्ली के जिम्मे दूध की रखवाली” 👆

बिकरू गांव में घरों की तलाशी में आज भी मिले बम…

  शहीद सीओ की पत्नी को मंत्री ने घर जाकर सौंपा चेक 👆         

लखनऊ। कानपुर के बिकरू गांव में यूपी पुलिस पर हुए सबसे बड़े हमले के मामले में मुख्य आरोपी बिकास दुबे 5 दिन बाद भी फरार है और पुलिस के हाथ खाली हैं जबकि करीब पुलिस के करीब एक हजार जवान उसे शहर-शहर ढूंढ रहे हैं। यूपी के साथ ही दिल्ली, बिहार, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश में भी उसकी तलाश की जा रही है। वहीं बिकरू गांव में पुलिस ने आज घर-घर की तलाशी ली जिसमें एक घर से तीन देशी बम बरामद हुए जिन्हे डिफूयुज कर दिया गया। गांव में बड़ी संख्या में पुलिस अभी भी तैनात है।
दो सौ पुलिसकर्मी एसटीएफ के रडार पर…..
इस बीच पुलिस महकमें के भीतर छिपे बिकास दुबे के मददगार “विभीषणों” की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। सूत्रों की माने तो विकास दुबे की मदद के शक में 200 से अधिक पुलिसकर्मियों के मोबाइल एसटीएफ के सर्विलांस पर हैं। चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, और शिवराजपुर थाने के 200 से अधिक पुलिसकर्मी रडार पर हैं। इन सभी के मोबाइल सर्वलांस पर हैं, CDR भी खंगाले जा रहे है। इनमें से तमाम पुलिसकर्मी विकास दुबे के सामने नतमस्तक थे, उसके लिए ही गुर्गों की तरह काम करते थे। पुलिस-एसटीएफ की टीमें एक-एक बिंदुओं पर गहराई से काम कर रहीं हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि पुलिस की 40 टीमें एवं एसटीएफ गहराई के साथ मामले की जांच कर रही है। हम विकास दुबे के साथियों और पारिवारिक सदस्यों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे हैं। उनके पास हथियारों का जखीरा कहां से आया, हमले में किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होने कहा कि दोषी कोई भी होगा बख्शा नहीं जाएगा। पुलिसकर्मियों की शहादत बेकार नहीं जाएगी। आईजी लक्ष्मी सिंह पूरे मामले की जांच कर रहीं हैं, मामले के हर मामले की जांच हो रही है।
पुलिस पर हमले की मजिस्ट्रेट्री जांच शुरू…..
इस बीच 2 जुलाई की रात पुलिस पर हुए हमले की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है। एडीएम नें मांगे दस्तावेज, एफआईआर कॉपी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दर्ज किए गए बयान। मौके के परीक्षण के साथ ही जेसीबी चालक और बिजली काटे जाने के बिंदुओं की भी होगी जांच।एडीएम भू/राजश्व प्रमोद शंकर शुक्ला कर रहे हैं जांच।
ढाई लाख का तीसरा ईनामी बना बिकास दुबे…..
आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद टॉप 3 में पहुंच गया विकास दुबे का नाम। विकास दुबे के ऊपर ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया है। विकास दुबे के अलावा प्रदेश के दो ऐसे अपराधी हैं जिनका नाम ढाई-ढाई लाख की लिस्ट में शामिल है, इनमें से एक है मेरठ का मोस्ट वांटेड बदन सिंह बद्दो और दूसरा पश्चिमी यूपी का आशुतोष है। इस मामले को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। विपक्ष लगातार सरकार की घेराबंदी किए हुए है तो रोज हो रहे नए खुलासों से पुलिस महकमा भी बुरी तरह से सवालों के घेरे में है। ( 7 जुलाई 2020)

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,