कहानी ऐसी कि संस्पेंस फिल्म भी फेल हो जाए…

कहानी ऐसी कि संस्पेंस फिल्म भी फेल हो जाए…

दहेज लोभियों ने विवाहिता को पीटने के बाद मरणासन्न हालत में सड़क पर फेंका,दुर्घटना का रुप दिया…

  मरणासन्न हालत में विंध्यवासिनी 👆

  बिलखता पिता: दोषियों को जेल भेजा जाए 👆

मीडिया के सवालों से बौखलाए पति ने कहा वह नशे में था, मारपीट हुई थी…

पति शंकर: साहब मैं नशे में था, हमारी आपस में मारपीट हुई थी 👆

पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट कहा- जाओ पहले इलाज कराओ…

ग्राम प्रधान पवन कुमार: गलत तो हुआ है 👆

लखीमपुर-खीरी। कहानी ऐसी कि जैसे कोई संस्पेंश फिल्म थियेटर में चल रही हो…”शराबी” की कहानी पर पुलिस ने “विश्वास” कर लिया और लाचार बाप को थाने से ये कहकर भगा दिया जाओ अपनी लड़की का इलाज कराओ। मौत के मुंह में पहुंच चुकी बेटी की जान बचाने के लिए पिता करीब पौने 2 लाख रुपए खर्च कर चुका है और शाहजहांपुर से बरेली तक भागा-भागा घूम रहा है फिर भी लखीमपुर-खीरी के पसिगवां थाने की पुलिस है कि कुछ सुनने को तैयार नहीं है। शाहजहांपुर की पुवायां तहसील के बहादुरपुर के रहने वाले व्यक्ति की पुत्री विंध्यवासिनी की शादी करीब साल भर पूर्व लखीमपुर-खीरी के पसिगवां थाने के ग्राम दूल्हापुर चौबे निवासी शंकर के साथ हुई थी।
पिता के अनुसार शादी के 6 बाद से ही शंकर मोटरसाइकिल व 25 हजार की मांग करने लगा और मांग पूरी न होने पर उनकी बेटी के साथ शंकर, उसके दो भाई, भाभी व बहने मिलकर विंध्यवासिनी के साथ मारपीट करने लगे। पिता का आरोप है कि 9 जून की रात शंकर व उसके परिवार के लोगों ने विंध्यवासिनी को बुरी तरह से मारपीट कर मरणासन्न हालत में हाइवे पर छोड़ दिया और विंध्यवासिनी के पिता को सूचना न देकर गांव में दूसरे व्यक्ति को दुर्घटना की बात पर फोन पर बताई गई। विंध्यवासिनी के पिता व परिवार के लोग जब लखीमपुर पहुंचे तो विंध्यवासिनी की हालत देखकर सभी के होश उड़ गए, उसके गले पर कपड़े से कसे जाने व शरीर पर चोटों के निशान थे। वह बोल भी नहीं पा रही थी और गर्दन टेढ़ी हो गई। पिता व अन्य लोग पसिगवां थाने गए तो पुलिस ने कहा जाओ पहले लड़की का इलाज कराओ फिर आना। उनकी रिपोर्ट लिखे बगैर थाने से भगा दिया।
परिवार के लोग विंध्यवासिनी को शाहजहांपुर ले गए, हालत गंभीर होने पर उसे बरेली रेफर कर दिया गया, जहां उसके इलाज पर पिता अब तक 1,65,000 रुपए खर्च कर चुका है परन्तु विंध्यवासिनी की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। मजे की बात यह है कि शंकर के भाई हरनाथ ने लिखकर दिया है कि उसका भाई शंकर साइकिल से पत्नी के साथ जा रहा था किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी जिसमें विंध्यवासिनी घायल हो गई, मेरे भाई को भी चोट आई है। हरनाथ ने लिखकर दिया है कि विंध्यवासिनी के इलाज का खर्चा वह उठायेगा। इस पत्र पर ग्राम प्रधान पवन कुमार व गांव के पप्पू, रामलोचन, रामनिवास व देवसरन के हस्ताक्षर हैं। मीडिया ने जब मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्राम प्रधान व गांव वालों से बात की तो वे गोलमोल जवाब देने लगे तथा शुरु से एक्सीडेंट की रट लगाए शंकर ने कहना शुरू कर दिया कि वह शराब के नशे में था उसकी पत्नी से लड़ाई व मारपीट हुई थी फिर क्या हुआ हमे याद नहीं। विंध्यवासिनी के पिता ने मांग की है कि सभी दोषियों को जेल भेजा जाए।

पत्रकार देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट…