कोरोना काल में दैनिक जीवन की गतिविधियों में बदलाव जरूरी…

कोरोना काल में दैनिक जीवन की गतिविधियों में बदलाव जरूरी…

इटौंजा (लखनऊ)। कोरोना अस्पताल में तैनात वरिष्ठ परामर्शदाता और नोडल अधिकारी (कोरोना) डॉ सुमित महाराज ने कहा है कि कुछ मिथकों को स्पष्ट करने की आवश्यकता है और हमें अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों में कुछ बदलाव अवश्य करने होंगे। यह वायरस छः से आठ घंटे सब्जी और फलों की सतह पर जीवित रह सकता है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों को 4 घंटे के लिए धूप में रखा जाए, फिर एक चुटकी बेकिंग सोडा वाले  गुनगुने पानी से धोएं। फलों और सब्जियों पर अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का उपयोग कदापि न करें क्योंकि वे उन्हें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
उन्होने कहा कि सैनिटाइजर केवल आपके हाथों और धातु की सतहों के लिए उपयोगी होते हैं। दूध या पनीर जैसे पदार्थ बहते पानी से अगर पैक हों तो धोया जा सकता है। रेस्तरां से पकाया हुआ भोजन खाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है क्योंकि इसे उबलते तापमान पर पकाया जाता है। कोरोनावायरस लंबे समय तक अखबार नगदी और किताबों पर स्थिर नहीं रह सकता है, दस्ताने पहन कर उन्हें पकड़ सकते हैं। सैनिटाइजर की मदद से प्लास्टिक और धातु के बक्से को साफ किया जा सकता है।
डाॅ सुमित ने कहा कि हेयर सलून पर जाकर पहले देखें कि वहां भीड़ तो नहीं है, लेकिन लंबे समय तक सैलून के अंदर रहने से बचें। हेयर सैलून से आकर अपने कपड़ों को गुनगुने डिटर्जेंट पानी में धोएं। कहीं भी हस्ताक्षर के लिए अपनी कलम का उपयोग करें। भीड़ भरे स्थानों, हर सार्वजनिक परिवहन से बचें। हमेशा फेस मास्क पहने और बार-बार हाथों को साबुन अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर से धोएं। जब भी बाहर जाएं सेनिटाइजर अवश्य लेकर जाएं और मांसाहार से परहेज करें।

“पत्रकार राज शुक्ला की रिपोर्ट, , ,