अभी तक कोई सहायता न मिलने से वकीलों में रोष, ब्याजमुक्त ऋण दिया जाए…
इटौंजा (लखनऊ)। उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ, दिवानी एवं जिला सत्र न्यायालय लखनऊ तथा समस्त तहसीलें खुलने के बाद वँहा हो रही अकारण भीड़ एक बड़ी दुर्घटना की सूचना दे रही है। परिसरों में अभी तक साफ-सफाई एवं सैनेटॉइज का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। यह कहना है इटौंजा अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष मिश्रा का। उन्होने कहा कि जिला परिसर एवं लखनऊ की तहसील सदर, मलिहाबाद, बीकेटी, मोहनलालगंज की तहसील परिसर और बारों में होना शेष है जिसे पूर्ण कराया जाना नित्यान्त आवश्यक है।
न्यायिक व्यवस्था को और डिजिटल कर नेटवर्किंग व्यवस्था दुरुस्त कर जमानत प्रार्थना पत्र के साथ नयी याचिका दाखिल करने और उसका अतिशीघ्र निस्तारण किया जाये, पुरानी याचिकाओं में पूर्व की भांति सामान्य तिथि लगाई जाये और किसी के विरुद्ध अनुपस्थिति में एकपक्षीय आदेश ना पारित किया जाये। श्री मिश्रा ने अधिवक्ताओं के परिवार कोरोना काल की वजह से आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं उनके बच्चों की फीस माफ हो तथा उनके गृहकर बिजली बिल पानी कर जमा करने में सहूलियत प्रदान की जाए। बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के द्वारा इस आपदा में अधिवक्ताओं को कोई सहायता नही की गई है, जिससे अधिवक्ता समुदाय मे भारी रोष व्याप्त है।
इटौंजा अधिवक्ता संघ सेंट्रल बार एसोसिएशन एवं लखनऊ बार एसोसिएशन तथा सुल्तानपुर रोड अधिवक्ता संघ द्वारा लॉकडाउन में आर्थिक रूप से कमजोर अधिवक्ताओ के परिवार के लिये जो खाद्यान्न वितरित किया गया था एवं मोहनलालगंज बार एसोसिएशन द्वारा अपने सदस्यों को जो सहायता धनराशि दी गयी थी उस कार्य की सराहना करती है। अधिवक्ताओं के लिए भी आर्थिक पैकेज की व्यवस्था की जाए और अधिवक्ता समुदाय को ब्याजमुक्त ऋण दिया जाए। इस आपदा के समय अधिवक्ता समुदाय ने जो नजीर समाज के सामने पेश की है वो सराहनीय है।
पत्रकार राज शुक्ला की रिपोर्ट, , ,