नोएडा हुआ शर्मसार, अस्पतालों ने गर्भवती को नहीं किया भर्ती, 13 घण्टे बाद एंबुलेंस में ही हुई मौत…

नोएडा हुआ शर्मसार, अस्पतालों ने गर्भवती को नहीं किया भर्ती, 13 घण्टे बाद एंबुलेंस में ही हुई मौत…

गौतमबुद्ध नगर में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का अनोखा चेहरा सामने आया है। यहां एक गर्भवती को पीड़ित परिवार करीब 13 घण्टों तक एंबुलेंस में लेकर इधर से उधर अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा। मगर सरकारी और निजी अस्पतालों में भर्ती करने से मना कर दिया। जिसके चलते पीड़ित गर्भवती ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया। घटना के बाद पीड़ित परिवार में मातम पसरा हुआ है। मूलरूप से गाजियाबाद के खोड़ा कॉलोनी निवासी शैलेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि उनके छोटे भाई बिजेंद्र कुमार गौतम की शादी करीब 6 वर्ष पहले नीलम कुमारी गौतम हुई थी। उनके भाई की पत्नी 8 माह की गर्भवती थी। शुक्रवार को नीलम कुमारी गौतम की तबीयत अचानक खराब हो गई। इस दौरान ऑटो में बैठाकर पीड़िता को नोएडा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। मगर यहां पीड़िता को भर्ती करने से मना कर दिया और एक सरकारी अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। विडंबना यह है कि सरकारी अस्पताल में भी बेड खाली नहीं होने की बात कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया गया परंतु एंबुलेंस मुहैया करा दी। यहीं से पीड़ित परिवार के भटकने का मामला शुरू हो गया जिसके बाद एक-एक करके वह नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकांश प्रतिष्ठित निजी और सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा मगर किसी भी अस्पताल ने भर्ती नही किया। पीड़ित शैलेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि वह ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क स्थित एक प्रतिष्ठित अस्पताल में भी अपने भाई की पत्नी को लेकर पहुंचे जहां कोरोना की जांच के नाम पर उनसे 5 हजार रुपये ले लिए गए। लेकिन करीब 20 मिनट बाद ही अस्पताल से निकाल दिया गया। पीड़ित ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन ने उनके रुपये भी नही लौटाए। पीड़ित का कहना है कि वह ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल भी लेकर गए थे मगर वहां भी बेड उपलब्ध नहीं होने की बात कहते हुए भर्ती करने से मना कर दिया था। पीड़िता दर्द से कराहती रही और परिवार के लोग रोते रहे मगर इसी कशमकश में करीब 13 घंटे बीत गए ,नतीजा यह हुआ कि पीड़िता ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया ,पीड़ित ने बताया कि वह हिम्मत करके दोबारा जिम्स अस्पताल लेकर गए जहां कुछ देर भर्ती करने के बाद नीलम कुमारी गौतम को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद पीड़ित परिवार में मातम पसरा हुआ है। पीड़ित का कहना है कि प्रशासन को इन अस्पतालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई और महिला इतनी दर्दनाक मौत ना मर सके। इस घटना ने गौतमबुद्ध नगर की स्वास्थ्य व्यवथा पर काफी सवाल खड़े किए हैं। इस संबंध में गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ दीपक ओहरी से भी फोन पर संपर्क करके जानकारी जुटाने का प्रयास किया गया मगर संपर्क नहीं हो सका। इस सम्बंध में जिला अधिकारी ने प्रकरण की जांच अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व मुनींद्र नाथ उपाध्याय तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक अहोरी को सौंपी गई है। जिलाधिकारी ने दोनों अधिकारियों को इस प्रकरण में तत्काल जांच करते हुए कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं !

पत्रकार कबीर रिज़वान की रिपोर्ट…