हल्के लक्षण के बाद कोरोंना से हो गए ठीक,,,

हल्के लक्षण के बाद कोरोंना से हो गए ठीक,,,

तो बाद में हो सकता है यह खतरा…

जून बुधवार 3-6-2020 दुनियाभर में लाखों लोग ऐसे हैं जो कोरोना वायरस से पॉजिटिव हुए तो उनमें मामूली लक्षण ही देखने को मिले।एक तरफ जहां ऐसे केस डॉक्टर और मरीजों के लिए राहत लेकर आए,वहीं एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे मरीजों को अभी सतर्क रहने की जरूरत है।
चीन और इटली में की गई स्टडीज में ये सामने आया है कि मामूली लक्षण वाले कोरोना मरीजों को लंबे वक्त तक कई प्रकार की शारीरिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इटली के पविआ के क्लिनिकल साइंटिफिक इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. रॉबर्टो पेडरेट्टी का कहना है कि हम हॉस्पिटल में जो देख रहे हैं कि वह बड़ी समस्या की शुरुआत भर है. उन्होंने कहा कि फिलहाल हम गंभीर मरीजों के इलाज पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन आने वाले वक्त में हमें हल्के लक्षण वाले मरीजों पर भी ध्यान देना होगा।

प्रोफेसर पेडरेट्टी ने कहा कि कोरोना के मामूली लक्षण वाले मरीजों में भी लंबे समय में फेफड़े के डैमेज होने का खतरा है. उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए लंबे वक्त तक मेडिकल हेल्प की जरूरत होगी।
नीदरलैंड में डच एसोसिएशन ऑफ चेस्ट मेडिसीन एंड टीबी के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना से ठीक होने वाले हजारों मरीजों के फेफड़ों को स्थाई नुकसान हो सकता है।उन्होंने कहा कि पॉजिटिव आए लोग जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी,उन्हें भी स्थाई नुकसान झेलना पड़ सकता है।
हॉन्ग कॉन्ग के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि हॉस्पिटल से घर भेज दिए गए करीब 25 फीसदी मरीजों को बाद में भी सांस लेने की तकलीफ से जूझना पड़ा. संक्रामक रोग विशेषज्ञ ओवेन सांग ताक यीन ने कहा कि कई मरीजों में देखा गया कि उनके फेफड़े के काम करने में 20 से 30 फीसदी कमी आ गई।
बता दें कि दुनिया में अब तक कोरोना के 63 लाख 82 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. 3 लाख 80 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…