अमेरिका अलग हुआ, WHO को अब बाकी देशों से भी बड़ा फंड दे रही ये प्राइवेट संस्था…

अमेरिका अलग हुआ, WHO को अब बाकी देशों से भी बड़ा फंड दे रही ये प्राइवेट संस्था…

कोरोना वायरस महामारी के बीच अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपने रिश्ते खत्म कर लिये हैं।वायरस की जानकारी छुपाने और चीन की कठपुतली के तौर पर काम करने जैसे गंभीर आरोप लगाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO की फंडिंग भी रोक दी है। अमेरिका फंडिंग के मामले में सबसे ऊपर था।अब यह स्थान गेट्स फाउंडेशन को मिल गया है।
अमेरिका की तरफ से WHO को कुल फंडिंग का 14.7 प्रतिशत दिया जा रहा था. फंडिंग के ताजा आकंड़ों के मुताबिक, डब्ल्यूएचओ को फंड देने के मामले में अमेरिका सबसे ऊपर था. अमेरिका के बाद गेट्स फाउंडेशन का नंबर आता है जिसकी हिस्सेदारी 9.7 प्रतिशत है।

अमेरिका ने खुद को किया अलग

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने WHO से खुद को अलग करते हुये कहा कि संगठन पूरी तरह से चीन के नियंत्रण में है। ट्रंप ने कहा कि डब्ल्यूएचओ बदलाव की प्रक्रिया शुरू करने में नाकाम रहा और अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन से अपना रिश्ता खत्म करेगा। इतना ही नहीं ट्रंप ने सीधे तौर पर चीन का नाम लेते हुये कहा कि एक साल में सिर्फ 40 मिलियन डॉलर देने के बावजूद चीन WHO को अपने नियंत्रण में रखता है।

अमेरिका के अलग होने के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन को फंडिंग देने के मामले में सबसे बड़ा नाम गेट्स फाउंडेशन का है। गेट्स फाउंडेशन WHO की कुल फंडिंग का 9.7 प्रतिशत दे रहा है जो सवा पांच सौ मिलियन डॉलर से ज्यादा है. गेट्स फाउंडेशन के बाद यूके (7.79 प्रतिशत), गावी अलायंस (8.39 प्रतिशत), जर्मनी और जापान का नंबर आता है. विश्व बैंक भी WHO की फंडिंग का महज 3.41 प्रतिशत ही देता है. वहीं चीन की बात की जाये तो उसकी हिस्सेदारी सिर्फ 0.21 प्रतिशत है।

गौरतलब है कि बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में शुमार बिल गेट्स का है।यह फाउंडेशन अफ्रीका,चीन,यूरोप और मिडल ईस्ट से लेकर भारत तक में सामाजिक कल्याण के काम करता है। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा और स्वच्छता जैसे तमाम सामाजिक उत्थान और गरीबी उन्मूलन के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भागीदारी करता है।

WHO आम लोगों से जुटाएगा फंड

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मई के आखिरी हफ्ते में नए फाउंडेशन का ऐलान किया है. इस फाउंडेशन के तहत किसी महामारी से निपटने के लिए फंडिंग इकट्ठी की जाएगी, जिसमें ना सिर्फ बड़े देश बल्कि आम लोगों से भी मदद ली जाएगी।

बीते दिनों ही WHO की ओर से बताया गया था कि उसका मौजूदा बजट 2.3 बिलियन डॉलर है,जो काफी कम है. इसके अलावा अमेरिका की फंडिंग रुक गई है,इसलिए हमें अधिक फंडिंग की जरूरत है।इसी के मद्देनजर फंड जुटाने के लिए नए फाउंडेशन की शुरुआत की गई है।

हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…