मुश्किल नही है कुछ भी अगर, ठान लीजिए …
मुजफ्फरनगर ब्रेकिंगपिछले चार दिनों से 100 से भी अधिक मज़दूरों को इंटर कॉलेज मोरना में रोका गया था और उनको बसों द्वारा उनके राज्य व जनपदों में भेजने की व्यवस्था की जा रही थी। लेकिन इनमें से कई दर्जन मज़दूरों के पास अपनी साइकिल थी और वो साइकिल को छोड़कर जाने को तैयार नही थे। इनमें से 10 मज़दूर ऐसे थे जिन्होंने अपने घर से ब्याज पर पैसा मंगवाकर अपने घर जाने के लिए नई साइकिल खरीदी थी।
रोडवेज़ की बसों पर छत ना होने के कारण पिछले 3 दिनों से प्रशासनिक कर्मचारी इसी उधेड़बुन में थे कि इन मज़दूरों को उनकी साइकिल के साथ कैसे भेजा जाए। मंगलवार को मोरना में निरीक्षण के दौरान ज़िलाधिकारी ने भी इन मज़दूरों को हर हाल साइकिल के साथ ही भेजने के आदेश दिए थे। लेकिन अधिकारियों को इसका कोई समाधान नही सूझ रहा था।
एक कहावत है कि काम ना करने के सौ बहाने होते हैं और सरकारी कर्मचारियों पर ये कहावत एकदम फिट बैठती है और ये ही सरकारी कर्मचारी यदि चाहे तो कुछ भी असम्भव नही।
भोपा क्षेत्राधिकारी राम मोहन शर्मा क्षेत्र में एक मेहनती, ईमानदार और व्यवहारकुशल अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं।
जब प्रशासन प्रवासी मज़दूरों को उनकी साइकिल के साथ भेजने का कोई विकल्प नही खोज पा रहे थे, तभी इंटर कॉलेज मोरना में निरीक्षण करने पहुंचे क्षेत्राधिकारी भोपा राम मोहन शर्मा ने मात्र 2 मिनट में एक ऐसा तरीका खोज निकाला जिसे किसी ने दूर तक भी नही सोचा था।
उन्होंने साइकिल मिस्त्री को बुलाकर मज़दूरों की साइकिल खुलवाकर बोरे में भरवा दी, जिसे वो अपने घर जाकर दोबारा से असेंबल कर सकते हैं। मज़दूरों की साइकिल को बस के अंदर सीट पर रखवाकर मज़दूरों को बस द्वारा रवाना कर दिया। जिससे सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रही और मज़दूरों व प्रशासन की समस्या भी हल हो गयी।
प्रवासी मज़दूरों ने जाते समय नम आंखों से क्षेत्राधिकारी भोपा राम मोहन शर्मा, इंस्पेक्टर भोपा संजीव कुमार, उपनिरीक्षक लेखराज सिंह, लेखपाल ओमप्रकाश चौहान, पिंटू, मनोज आदि सहित समस्त प्रशासन का अच्छी खाने, पीने, रहने आदि की व्यवस्था को लेकर धन्यवाद किया।
पत्रकार कबीर रिज़वान अली की रिपोर्ट…