कम उम्र के यूवको,बूढ़े जवानों व मजूदरों ने जीवनयापन का नया तरीका खोज निकाला…
मुजफ्फरनगर।कोरोना वायरस को दृष्टिगत को लेकर सभी छोटे-बड़े बाजार सब बंद हैं साथ ही कारखाने भी बंद पड़े हैं इस कारण बड़ी संख्या में मजदूर अपने गांव की ओर पैदल या फिर जैसे-तैसे कर जा रहे हैं,गांव जाने वाले मजदूरों के साथ हो रही परेशानियों को देखते हुए कुछ कम उम्र के यूवको व बूढ़े मजूदरों ने जीवनयापन का नया तरीका खोज निकाला है।ये लोग अब सब्जी और फल बेचने लगे हैं, खाने-पीने के सामान की रेहड़-पटरी लगाने वालों ने भी अब सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया है,नई मंडी सब्जी मंडी के बाहर हर दिन बड़ी संख्या में थोक सब्जी खरीदने वालों की भीड़ लगती है,लाइन में खड़े एक युवक ने बताया कि वह खालापार में रहता हैं और इसव पूर्व वो कपडे सिलाई का काम करता है लेकिन लॉक डाउन की वजह से सब कुछ बंद हो गया है।उसने बताया कि उसके पड़ोस में रहने वाले के पास रेहड़ी पहले से ही थी उससे मांग कर सब्जी बेचने का काम शुरू कर दिया।इसी प्रकार लद्दावाला क्षेत्र में रहने वाले इस्लाम ने बताया कि वह पहले बाजारों में चप्पल-जूते बेचने का काम करता था। उसके पास पैर से चलाने वाला रिक्शा था। कुछ दिनों तक तो उसने बचे हुए पैसों से घर चलाया, लेकिन जब उसने लोगो को गांव लौट रहे मजदूरों की परेशानी देखी तो वह समझ गया कि यह मामला लम्बा खींचेगा इसीलिए उसने अपने रिक्शे पर सब्जी और फल बेचना शुरू कर दिया इस्लाम का कहना है कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने भी उसकी काफी मदद की। उसे पास बनवाने के लिए कोई दिक्कत नहीं हुई।तथा अब क्षेत्र में घूम घूम कर अपने परिवार का पेट भर रहा हूँ आगे जो रब की मर्जी,
इसी प्रकार महिला थाना के बाहर चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का पेट भरने वाले एक युवक ने बताया कि जब से यह लॉक डाउन लगा है तब से चाय की दुकान बन्द हैं ओर तब से ही वह परेशान चल रहा था लेकिन किसी ने कहा कि चरथावल रॉड पर भरने वाली सब्जी मंडी से सब्जी खरीदकर ठेले पर रख कर सब्जी बचने का काम शुरू कर दिया है। उसने बताया कि उसका एक ओर साथी सुबह सब्जी मंडी से साथ जाकर सब्जी खरीदवा लाता हैं ओर दोनो मिलकर सब्जी बेच लेते है जिससे परिवार का पेट भर लेते हैं।। .
कबीर रिजवान अली की रिपोर्ट…