बड़े लोगों/नेताओं पर नहीं लागू होता लाॅकडाउन…..?

बड़े लोगों/नेताओं पर नहीं लागू होता लाॅकडाउन…..?

बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी 👆

लाॅकडाउन के उल्लंघन व एसडीएम को धमकाने में बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी गनर एवं साथियों के साथ गिरफ्तार, मुचलके पर छोड़े गए…

एसडीएम वैभव गुप्ता मामले की जानकारी देते हुए 👆

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कर्म के लिए बदरीनाथ/केदारनाथ धाम जाने के नाम पर हासिल किया था यात्रा अनुमति-पत्र…

अपर मुख्य सचिव द्वारा जारी यात्रा-अनुमति पत्र 👆

लखनऊ/कर्णप्रयाग। उत्तर प्रदेश के नौतनवां (माहराजगंज) से बाहुबली निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को गनर एवं उनके 10 साथियों को लाॅकडाउन का उल्लंघन करने व कर्णप्रयाग के एसडीएम/पुलिसकर्मियों को धमकाने के मामले में उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विधायक के काफिले की तीन लग्जरी गाड़ियों को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया। बाद में विधायक व उनके साथियों को निजी मुचलके पर रिहा कर वापस उत्तर प्रदेश लौटा दिया गया। पत्नी सारा की हत्या में आरोपित विधायक अमनमणि त्रिपाठी उत्तराखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा जारी यात्रा-अनुमति पत्र के आधार पर बदरीनाथ जा रहे थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता की तेरहवीं संस्कार में शामिल होने एवं उसके बाद बदरीनाथ/केदारनाथ जाने के नाम पर हासिल किए गए यात्रा अनुमति-पत्र के आधार पर विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने गनर अजय यादव एवं साथियों जय प्रकाश तिवारी, माया शंकर, मनीष कुमार सिंह, संजय कुमार सिंह, रितेश यादव उमेश चौबे, ओमप्रकाश यादव व विनय सिंह के साथ तीन लग्जरी कारों (UP 32KS/1110, UP 53DL/1314 एवं UK 07BB/ 4033) से यात्रा कर रहे थे, उन्हे रास्ते में कई जगह रोका गया पर वे अपर मुख्य सचिव का पत्र दिखाकर पुलिसकर्मियों पर रौब गांठते हुए आगे बढ़ते गए। अधिकारियों को लाॅकडाउन के उल्लंघन की खबर मिलने पर कर्णप्रयाग में बैरिकेडिंग लगाकर पंच पुलिया के पास विधायक जी के काफिले को रोककर जब उनसे वापस लौटने को कहा गया तो वे एसडीएम (कर्णप्रयाग) वैभव गुप्ता व पुलिसकर्मियों से भिड़ गए और यहां भी उन्होने काफी दबंगई दिखाई, पर यहां उनकी एक नहीं चली और विधायक अमनमणि त्रिपाठी सहित सभी के खिलाफ धारा 188 एवं आपदा एक्ट तथा ड्युटी पर तैनात एसडीएम व पुलिसकर्मियों को धमकाने का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। देर रात इन सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर वापस उत्तर प्रदेश भेज दिया गया।
उप जिलाधिकारी वैभव गुप्ता के अनुसार विधायक अमनमणि त्रिपाठी ने आॅरेंज एवं रेड जोन पार करते हुए कोटद्वार से उत्तराखंड में प्रवेश किया था और पौढ़ी, श्रीनगर तथा रद्रप्रयाग होते हुए कर्णप्रयाग पहुंचे थे।
अपर मुख्य सचिव सवालों के घेरे में…..
उत्तराखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव जो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के चहेते अफसर बताएं जा रहें हैं, वे अमनमणि त्रिपाठी को यात्रा अनुमति-पत्र जारी करने से सवालों के घेरे में आ गए हैं। जब बदरीनाथ, केदारनाथ जाने की अनुमति किसी को यहां तक कि मंदिर के मुख्य पुजारी रावल को भी नहीं मिली तो अमनमणि को कैसे अनुमति दी गई वह भी तब जबकि अभी बदरीनाथ मंदिर के तो कपाट भी नहीं खुले हैं। अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा 2 मई को जारी किए गए पत्थर में कहा गया है कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता जी के पितृ कार्य हेतु बदरीनाथ तथा केदारनाथ धाम जायेंगे।
योगी जी सन्यासी, पितृ कर्म में नहीं शामिल होते हैं सन्यासी !
यहां ये भी सवाल उठ रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सन्यासी हैं और सन्यासी का अपने पूर्वाश्रम के पिता के पितृ कर्म से लेना-देना नहीं होता तो फिर उनके पिता की तेरहवीं संस्कार में शामिल होने के नाम पर विधायक अमनमणि त्रिपाठी को अनुमति-पास कैसे जारी कर दिया गया। क्या इस बारे में उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से इस बारे में कोई बात की थी। यूपी के अधिकारी फिलहाल इससे बचते नजर आ रहें हैं। जबकि कोरोना महामारी के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अपने पिता आनंद सिंह विष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं गए थे।
अभी-अभी: अमनमणि खुद जिम्मेदार, योगी जी के नाम का गलत इस्तेमाल
खबर लिखे जाने के समय अभी-अभी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आॅफिस से बयान जारी कर कहा गया है कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने कृत्य के लिए खुद जिम्मेदार हैं, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम का इस्तेमाल कर भ्रम फैलाया जा रहा है।

विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,