*लाॅकडाउन में यूपी की जेलें भी सुरक्षित नहीं…..*
*जेल के अंदर चम्मच से गोदकर बंदी को मार डाला, संघर्ष में एक अन्य कैदी गंभीर रूप से घायल*
*घायल कैदी का जेल के अस्पताल में ही चल रहा इलाज* 👆
*इसी जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी को 10 गोलियां मारी गईं थीं, चल रही है सीबीआई जांच*
*कुख्यात मुन्ना बजरंगी को इसी जेल के अंदर मारी गईं थीं 10 गोलियां* 👆
*लखनऊ/बागपत।* कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण लॉकडाउन के बाद सड़क पर तो अपराध हो ही रहे हैं, जेल के अंदर भी हत्याओं का सिलसिला जारी है। अपराध की गतिविधियां कम नहीं हो रही हैं, बेहद सुरक्षित माने जाने वाले जेल में भी हत्या की वारदात हो रही है। यूपी की बागपत जिला जेल में कुख्यात माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद आज फिर इसी जेल में एक और बंदी की हत्या कर दी गई। कैदियों के दो गुटों के बीच हुए संघर्ष में एक अन्य कैदी के भी घायल होने की खबर है। जेल के अंदर चम्मच से गोदकर की गई बंदी की हत्या एवं बंदियों के बीच संघर्ष होने की सूचना मिलते ही जेल एवं पुलिस व जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और डीएम, एसपी बड़ी संख्या में फोर्स लेकर जेल के अंदर पहुंच गए। घायल बंदी का फिलहाल जेल के ही अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
यूपी की बागपत जिला जेल में आज दिन में बंदियों के बीच हुए बवाल में ऋषिपाल नामक बंदी की हत्या कर दी गई। बवाल में आधा दर्जन से अधिक बंदियों के घायल होने की खबर है। मारा गया बंदी ऋषिपाल बसी का रहने वाला था। ऋषिपाल पर नुकीली वस्तु से ताबड़तोड़ प्रहार किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि चम्मच तोड़कर उसे नुकीला हथियार बनाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। दो गुटों के संघर्ष में घायल बंदी का नाम अमित बताया जा रहा है, जो जौनमाना गांव का रहने वाला है। पूर्व प्रधान ओमपाल पक्ष व ऋषिपाल पक्ष के बीच गत 16 अप्रैल को गोलीबारी हुई थी। इसी मामले में जेल के अंदर दोनों पक्षों के करीब एक दर्जन लोग जेल में बंद हैं।
जेल में हुए संघर्ष व बंदी की हत्या की सूचना मिलते ही डीएम शकुंतला गौतम एसपी, कई सीओ व बड़ी संख्या में फोर्स वहां पहुंच गयी। बताते चलें कि 9 जुलाई 2018 को बागपत जेल के अंदर ही कुख्यात माफिया प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की 10 गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर इस हत्याकांड की सीबीआई जांच शुरू हो गई है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद बागपत जेल की सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई थी, तथा कई जेल अधिकारी सस्पेंड भी किए गए थे। इसके बावजूद आज फिर जेल के अंदर एक कैदी को मौत की नींद सुला दिया गया।
*यूपी की जेलों मे बार-बार हुईं हत्याएं*
पूर्वांचल के कुख्यात डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या होने का कोई पहला मामला नहीं था। इससे पहले भी जेलों के अंदर हत्याएं होती रही है। अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू त्रिपाठी मुन्ना बजरंगी गैंग में शार्प शूटर था, मई 2005 में वाराणसी जेल के बैरक के अंदर अन्नू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। साल 2008 में गाजियाबद की डासना जेल में कविता हत्याकांड के आरोपी रविंद्र प्रधान की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। साल 2009 में गाजियाबाद की डासना जेल में ही बम विस्फोट कांड के आरोपी शकील अहमद की कथित हत्या हो गई थी।
साल 2011 में लखनऊ जिला जेल में सीएमओ हत्याकांड के आरोपी वाईएस सचान की संदिग्ध मौत हो गई थी। साल 2012 में मेरठ जिला जेल में तलाशी के दौरान विवाद, फायरिंग में दो बंदियों मेहरादीन और सोमवीर की मौत हुई थी। साल 2014 में गाजीपुर जिला जेल में जिला प्रशासन और बंदियों के बीच संघर्ष में बंदी विश्वनाथ प्रजापति की मौत हो गई थी। साल 2015 में मथुरा जिला जेल में दो गुटों के बीच हुई फायरिंग में पिंटू उर्फ अक्षय सोलंकी और राजेश टोटा की गोली लगने से मौत हो गई। साल 2016 में सहारनपुर जिला जेल में सुक्खा नामक कैदी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।
*विशेष संवाददाता विजय आनंद वर्मा की रिपोर्ट, , ,*