लॉकडाउन में फंसी कैंसर पीड़ित मासूम, लॉकडाउन में इलाज के लिए नहीं ले जा पा रहा पिता…
सेपरी/मध्यप्रदेश: जिले के गुलाबपुरा में एक परेशान और चिंतित करने वाला मामला सामने आया है. वैसे तो कोरोना और लॉकडाउन से हर कोई परेशान है लेकिन जब बात बीमार लोगों की आती है तो हर किसी का कलेजा शिकन से भर जाता है. परेशानी दर परेशानी झेल रहे एक परिवार पर कोरोना वायरस के खौफ के बाद लॉकडाउन की आफत भी टूट पड़ी है।
हैरान परिवार प्रशासनिक कारिंदों के आगे ठोकरें खा-खा परेशान हो चुका है लेकिन अब तक केवल सिवाए मायूसी कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. परिवार को इंतजार सरकार की संवेदनशीलता और प्रशासनिक अफसरों की मजबूरियों से बाहर निकलने की है। जब इलाज के लिए पीड़िता को मध्यप्रदेश जाने की परमिशन मिलेगी, ताकि रानी का फिर से इलाज शुरू हो चुके. परमिशन मिलेगी, ताकि रानी का फिर से इलाज शुरू हो चुके।
परिवार काट रहा है चक्कर, अभी तक नहीं मिली मदद
दरअसल, 17 मार्च को मध्यप्रदेश के सेपरी जिले के पिचोर से रमेश चंद्र विश्वकर्मा अपनी 14 साल की बेटी रानी के गले के कैंसर का इलाज करवाने के लिए जिले के रायला स्थित नवग्रह आश्रम के लिए जाना चाहता था, पर बदकिस्मती से अचानक हुए लॉकडाउन की वजह से गुलाबपुरा-जोरावरपुरा में ही अटक गया था और आखिरकार शरण के लिए उसे परिवार के साथ वहीं शरण को मजबूर होना पड़ा था। पीड़िता रानी के साथ उसके पिता रमेश चंद्र उसकी माता और चाचा और बड़ी बहन स्थानीय उपखंड कार्यालय पर घर जाने की स्वीकृति के लिए रोज-रोज चक्कर काट रहे हैं, लेकिन पीड़ित परिवार को प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, बीमारी की गंभीर अवस्था में कैंसर की रोगी रानी की दिनों-दिन हालत बिगड़ती जा रही है। समय पर यदि इसे उपचार नहीं मिला तो कोई अप्रिय वाकिया पेश सा सकता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…