विश्वविद्यालय को चौधरी फर्म ने दी आत्महत्या कर लेने की धमकी…
इटावा- सैफई उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा मैसर्स शाबरीन चौधरी बिल्डिंग मटैरियल सप्लायर एंड प्लंबरिंग वक्र्स प्रोपराइटर सिराज चौधरी जो कि विश्वविद्यालय में 2007 से सैनिटेशन सफाई व्यवस्था का कार्य देख रही थी, के विरुद्ध वित्तीय राजस्व की हानि एवं गबन घोटाला के प्रावधानों के कारण 5 दिसम्बर 2019 को प्राथमिक दर्ज करने हेतु तहरीर दी गयी थी तथा सम्बन्धित फर्म को बाद में हितों को देखते हुए हटा भी दिया गया।
कुलसचिव सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में नई सफाई सेवा प्रदाता फर्म मेसर्स शार्प ग्लोबल ग्रुप, फरीदाबाद हरियाणा द्वारा विश्वविद्यालय में सफाई का काम देखा जा रहा है। सम्बन्धित फर्म को हटाये जाने के बाद सम्बन्धित फर्म के मालिक सिराज चौधरी द्वारा बार-बार विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर सपरिवार आत्महत्या की धमकी दी जाती है। साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के फोन फर्म के मालिक सिराज चौधरी द्वारा टेप करके तथा अवैध रूप से इन अधिकारियों की व्यक्तिगत पत्रावली से सूचनायें चुराकर शासन से जाॅच कराने की धमकी देकर डराने की कोशिश की जाती है। इस सम्बन्ध में विश्वविद्यालय ने मैसर्स शाबरीन चौधरी बिल्डिंग मटैरियल सप्लायर एंड प्लंबरिंग वक्र्स के खिलाफ पुनः प्राथमिकी दर्ज करने की तहरीर थाने में शनिवार को दी। सम्बन्धित फार्म द्वारा कार्य करने के दौरान एक बार में से 6 माह के बिल प्रस्तुत किये जाते थे, जिससे कि सम्बन्धित फर्म मालिक द्वारा प्राप्त हुई धनराशि से कर्मचारियों के पारिश्रमिक बाॅटने में घपला किया जा सके। इस सम्बन्ध में पूर्व में दिये गये तहरीर में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जाॅच काफी धीमी चल रही है। जिससे सम्बन्धित फर्म मालिक का मनोबल बढ़ा हुआ है। संबंधित फर्म के सैनिटेशन व सिंपल वेस्ट डिस्पोजल कार्यों तथा कर्मचारियों के ईपीएफ न जमा करने के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए पूर्व में एक समिति का गठन किया था, जिसकी संस्तुति के आधार पर जनहित में संबंधित फर्म को अक्टूबर 2019 में काली सूची में भी डाल दिया गया। जांच समिति द्वारा फर्म की निम्नलिखित अनियमितताएं पाई गई थी।
पत्रकार नितेश प्रताप सिंह की रिपोर्ट…