*टाउन की ओर से सभी पत्रकारों को अंग वस्त्र कर व पुष्प देकर सम्मानित किया गया*

*टाउन की ओर से सभी पत्रकारों को अंग वस्त्र कर व पुष्प देकर सम्मानित किया गया*

*कोरोना के दौर में पत्रकारिता, यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी कहानी होगी- पत्रकार कैलाश नाथ राना*

*जरवल/बहराइच/उत्तर प्रदेश:* – नगर पंचायत जरवल बहराइच के प्रांगण में आज नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि इंतजार अहमद “मिथुन” एवं समाजसेवी प्रमोद कसौधन के नेतृत्व में जरवल के सभी पत्रकारों को अंग वस्त्र कर एवं पुष्प देकर सम्मानित किया गया।
भाजपा युवा नेता नवनीत कौशल पिंटू बाबा ने कहा करोना के भयानक महामारी के चलते सारी दुनिया में लॉक डाउन चल रहा है वही पत्रकार बंधु अपनी जान एवं परिवार की परवाह ना करते हुए अपने देश की सुरक्षा में लगे हुए जो देश के कोने कोने की न्यूज़ कवरेज कर, हम लोगों तक एवं प्रशासन तक पहुंचाते हैं। सभी पत्रकार बंधु को मैं कोटि-कोटि धन्यवाद देता हूं।

समाजसेवी प्रमोद कसौधन ने कहा जरवल के सभी पत्रकारों ने इस भयानक करोना की महामारी चलते हुए अपनी जान की परवाह किए बगैर क्षेत्र की सारी खबरें प्रशासन एवं हम लोगों तक अवगत कराते हैं मुझे सभी पत्रकारों पर गर्व है।

पत्रकार वरिष्ठ पत्रकार अशोक सोनी ने कहा कोरोना वायरस हम पत्रकारों के जीवन की सबसे बड़ी कहानी है और एक अरब से ज्यादा लोग हमसे उम्मीद कर रहे हैं कि हम इस दौर में उनके लिए हालत पर नज़र रखें, खबरें देते रहें,।

*राष्ट्र सेवा करना मेरा परम कर्तव्य -कैलाश नाथ राना*

पत्रकार कैलाशनाथ राना में कहा सम्पादन का दायित्व निभाते रहना और नाइंसाफ़ियों तथा सरकारी तंत्र की खामियों को उजागर करते रहना हमारा परम कर्तव्य है जो इसे बखूबी निभाते रहेंगे राष्ट्र की सेवा करना मेरा परम कर्तव्य है।

पत्रकार संतोष श्रीवास्तव ने कहा आप अपने स्तम्भ के लिए गेब्रिएल गार्सिया मारखेज से शीर्षक तभी चुरा सकते हैं जब आप लापरवाह, यहां तक कि गुस्ताख़ और थोड़े सनकी भी हों. और हकीकत यह है कि हम पत्रकार लोग आम तौर पर तीनों होते हैं. इन और दूसरी कमजोरियों के लिए आम तौर पर अगर हमें माफ कर दिया जाता है तो इसलिए कि ज़्यादातर लोग जानते हैं कि हम कहां से आ रहे होते हैं।

पत्रकार शशिकांत श्रीवास्तव ने कहा इतने वर्षों बल्कि दशकों के अपने पत्रकारीय जीवन में किसी ने मेरे साथ रूखा या असभ्य व्यवहार नहीं किया, चाहे उनमें से किसी को मुझसे नाराज होने की वजह क्यों न रही हो।

पत्रकार अश्मित रस्तोगी ने कहा दंगों, बगावतों, आपदाओं, चुनाव अभियानों के दौरान हम पत्रकारों ने पाया है कि लोग हमारे साथ आम तौर पर अच्छा और सम्मानजनक व्यवहार करते हैं।

पत्रकार इसरार सिद्दीकी ने कहा इस विशाल और विविधता से भरे देश के एक अरब से ज्यादा लोगों को किसने सिखाया कि पत्रकार उनके लिए महत्वपूर्ण हैं? कि पत्रकार ऐसे भले लोग हैं जो उनके जीवन के बारे में जो खबरें देते हैं, या वे जो राजनीतिक विचार रखते हैं उन पर भरोसा किया जा सकता है।

पत्रकार संजय श्रीवास्तव ने कहा आप चुनाव अभियानों के दौरान यात्रा करेंगे तो आपको पता चलेगा कि लोग जिन पत्रकारों से कभी परिचित नहीं हुए उनके प्रति वे कितने स्वागत का व उदारता का भाव रखते हैं. गरीब से गरीब गांवों की महिलाएं भी पत्रकारों से किस तरह खुल कर बात करने लगी हैं. भारत के लोगों और उनके पत्रकारों के बीच का यह सामाजिक करार अनूठा है।

पत्रकार अशोक मिश्रा ने कहा यह विश्वास है कि हम अपना काम बहुत कर्मठता और साहस से करते हैं. यही वजह है कि जब सरकार या पुलिस उनकी बात नहीं सुनती तो देशभर में पीड़ित लोग सबसे पहले मीडिया से ही संपर्क करते हैं।

इस मौके पर विजय कसौधन, त्रिवेणी कसौधन ,अज्जी ,पुष्पराज कसौधन, शादाब अहमद ,सिटी कपूर ,लवकुश कसौधन, अवधेश कसौधन,लल्लन कसौधन आदि लोग मौजूद रहे।

*पत्रकार कैलाश नाथ राना की रिपोर्ट*