संस्कृत भाषा को फिर जीवंत बनाएगी त्रिवेंद्र सरकार, उत्तराखंड में बनेंगे संस्कृत गांव…
संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार एक पहल करने जा रही है. प्रदेश के सभी ब्लॉक के गांवों को संस्कृत गांव घोषित किया जाएगा. इसको लेकर उच्च शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. बहुत जल्द इस योजना को अमली-जामा पहना दिया जाएगा.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत अपनी विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर से संस्कृत गांव की शुरुआत करेंगे. सबसे पहले श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र के 4 ब्लॉक के अलग-अलग गांवों को संस्कृत गांव के तौर पर विकसित किया जाएगा. पूरे गांव के लोगों को संस्कृत सिखाई जाएगी. गांव के लोग संस्कृत में बातचीत करेंगे. इसके बाद प्रदेश के 95 ब्लॉकों के 95 गांवों को संस्कृत गांव घोषित किया जाएगा.
सभी ग्रामवासियों को संस्कृत की शिक्षा दी जाएगी. संस्कृत में बात करने के लिए उन्हें प्रमोट किया जाएगा. संस्कृत का क्या महत्व है? संस्कृत का बढ़ावा कैसे मिल सकता है? इसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार (Trivendra Singh Rawat) प्लान तैयार कर रही है. उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड के गांवों में लोग संस्कृत बोलते नजर आएंगे.
आपको बता दें कि इससे पहले भी संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड सरकार पहल कर चुकी है. विधानसभा में मंत्रियों के नाम संस्कृत में लिखे गए हैं. वहीं अब संस्कृत गांव बनाने की बात हो रही है. लोगों का कहना है कि संस्कृत गांव बनने से उन्हें संस्कृत के बारे में जानने का मौका मिलेगा. साथ ही संस्कृत एक बार फिर लोगों की बोलचाल की भाषा में शामिल हो सकेगी. लोग सरकार की इस पहल की सराहना भी कर रहे हैं.
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…