मुस्लिम महिलाओं ने खेली होली, धर्म नगरी से दिया ये संदेश…
उत्तर प्रदेश वाराणसी। धर्म नगरी काशी में होली की खुमारी चारों तरफ दिखनी शुरू हो गयी है। काशी की होली के रंग में ऐसा भी रंग दिखा,जिसमें गंगा जमुनी एकता का मिशाल पेश किया है। होली के एक दिन पहले मुस्लिम महिलाओं ने एक दूसरे को अबीर लगाकर एकता के संदेश देने वाले गीतों को गाकर होली उत्सव को बड़े ही आनंद में मनाया ।
बता दें कि मुंशी प्रेम चंद के गांव लमही में स्थित विशाल भारत संस्थान में मुस्लिम महिलाएं एकत्रित हुई, जहां पारंपरिक तरीके से सभी ने एक दूसरे को रंग लगाया तो वहीं होली के गीत भी गई। इस गीत में जहां पीएम मोदी के लिए बधाई रहा तो वहीं हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश देने के साथ ही सीएए का समर्थन व तीन तलाक से मुक्ति जैसे बड़े मामले भी शामिल रहे, मुस्लिम महिलाओं के इस कार्यक्रम में हिन्दू महिलाओं ने भी हिस्सा लिया ।
गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्ली व देश के अन्य इलाकों में सीएए को लेकर जिस तरह से देश का माहौल खराब हुआ था। उसे देखते हुए आज वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने यह पैगाम दिया कि हिंसा करने से सिर्फ व सिर्फ हमारा ही नुकसान होता है और यह देश हमारा है इसलिए हमें इससे नफरत नहीं बल्कि प्यार करना चाहिए। होली का पर्व भाईचारे के लिए जाना जाता है और आपसी प्रेम व सद्भावना का संदेश देने के लिए इससे बेहतर कोई मौका नहीं हो सकता। इसलिए आज हम सभी मुस्लिम महिलाएं इस पर्व में शामिल होकर देश में अमन-चैन व भाईचारे की अपील करते हुए इस पर्व को मना रहे हैं। वहीं इस कार्यक्रम ने एक बार फिर से बनारस के गंगा-जमुनी तहजीब को जिंदा किया, जिसमें सिर्फ और सिर्फ प्यार झलकता है ,ना कोई सियासत होती है और ना ही कोई मजहब की दीवार बनाता है।
हिन्द वतन समाचार की रिपोर्ट…